
जर्मन के पर्यटक का भारत में आधार कार्ड व परिचय पत्र बनाए जाने का मामला सामने आने पर हड़कम्प मच गया। पर्यटक वर्तमान में पुष्कर की एक होटल में ठहरा हुआ है जो वह हर वर्ष पुष्कर आता है। जानकारी मिलने पर विदेशी पंजीकरण अधिकारी ने पर्यटक से पूछताछ की।
इस दौरान पता चला कि गुटजेट क्लाउस नामक जर्मन पर्यटक लम्बे समय से हिमाचल में फूड हेल्थ नामक संस्थान चलाता है। उसने 25 वर्ष पूर्व पूना की एक युवती से विवाह भी किया है। उसके नाम से पर्सन ऑफ आरिजन कार्ड (पीआईओ) जारी किया गया है।
इसके आधार पर भारत सरकार की ओर से पर्यटक को आधार कार्ड व परिचय पत्र जारी किया गया है।
क्या है पीआईओ कार्ड
भारत में आने वाले कई विदेशियों को इस प्रकार का कार्ड जारी किया गया है। इस कार्ड के बनने के बाद पर्यटक हर भारतीय को मिलने वाली समस्त सुविधाओं का हकदार है, लेकिन वह भारत में वोट नहीं दे सकता है।
गुटजेट नामक जर्मन पर्यटक को पीआईओ कार्ड 17 सितम्बर 2008 से लेकर 16 सितम्बर 2023 तक का जारी किया है। इस अवधि के वह भारतीय नागरिक की तरह समस्त सुविधाएं ले सकता है।
क्या कहता है कानून
आम तौर पर विदेशी पर्यटक भारत में स्थायी सम्पत्ति नहीं खरीद सकता है। वहीं केवल भारतीय मूल को ही आधार कार्ड बनाने का प्रावधान है, लेकिन विदेशी पर्यटकों को भी कुछ कानूनी आधार पर एक भारतीय नागरिक की तरह से मानते हुए आधार कार्ड व परिचय पत्र बनाने की कानूनी छूट प्राप्त है। इसी कार्ड के आधार पर कई पर्यटकों ने भारत में आधार कार्ड बनवा रखे है
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