scriptदरगाह के खादिमों ने किया था वीभत्स सेक्स स्कैंडल, 100 से ज्यााद स्कूली छात्राओं को बनाया था अपना शिकार, कांप उठा था पूरा देश | Khadims of the ajmer sharif dargah raped more than 100 schoolgirls | Patrika News
अजमेर

दरगाह के खादिमों ने किया था वीभत्स सेक्स स्कैंडल, 100 से ज्यााद स्कूली छात्राओं को बनाया था अपना शिकार, कांप उठा था पूरा देश

एक गर्ल्स स्कूल की 100 से अधिक स्कूली लड़कियों की अश्लील तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया गया था।

अजमेरMay 27, 2023 / 11:54 am

Jyoti Kumar

ajmer_case.jpg
आज से 30 साल पहले 1992 में एक वीभत्स सेक्स स्कैंडल हुआ था। इस घटना ने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना में एक गर्ल्स स्कूल की 100 से अधिक स्कूली लड़कियों की अश्लील तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल कर उनका यौन शोषण किया गया था। इस कांड का असली गुनाहगार कॉग्रेस नेता और अजमेर शरीफ दरागाह का खादिम था। मास्टरमाइंड अजमेर शहर के यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती था। राजस्थान के अजमेर में हुए इस घटना को ‘अजमेर सेक्स स्कैंडल’ के नाम से जाना जाता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपितों ने सबसे पहले एक बिजनेसमैन के बेटे के साथ कुकर्म कर उसकी अश्लील तस्वीर उतारी और उसे अपनी गर्लफ्रेंड को लाने के लिए बाध्य किया। उसकी गर्लफ्रेंड से रेप करने के बाद उसकी भी अश्लील तस्वीर उतारी गई और उसे भी अपनी सहेलियों या दूसरी लड़कियों को लाने के लिए बाध्य किया गया। इसी तरह मजबूर होकर आने वाली हर लड़की का रेप किया जाता और उसे अपनी सहेली को लाने के लिए ब्लैकमेल किया जाता। इस तरह एक चेन बनाते हुए 100 से अधिक रसूखदार घरानों की हिंदू लड़कियों का यौन शोषण किया गया।
पीड़ितों में कई बड़े-बड़े अधिकारियों और शहर के नामचीन घरानों की लड़कियां थीं। बताया जाता है कि इस दौरान बदनामी के डर से कई लड़कियों ने आत्महत्या कर ली थी। 30 साल पुराने इस केस में संपूर्ण न्याय मिलना अभी भी बाकी है। हालांकि, इस कांड से जुड़े 10 दोषी तो जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं, लेकिन कई अभी भी बाहर घूम रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत की सरकार ने इसकी जांच सीबी-सीआईडी को सौंप दी। शुरुआत में 18 आरोपितों, जिनमें फारूक चिश्ती (तत्कालीन यूथ कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष), हरीश दोलानी, अनवर चिश्ती (तत्कालीन यूथ कॉन्ग्रेस का ज्वाइंट सेक्रेटरी), नफीस चिश्ती (तत्कालीन यूथ कॉन्ग्रेस का वाइस प्रेसीडेंट), पुरुषोत्तम उर्फ बबली, इकबाल भाटी, कैलाश सोनी, सलीम चिश्ती, सोहैल गनी, अल्मास महाराज, जमीर हुसैन, इशरत अली, मोइजुल्लाह उर्फ पूतन इलाहाबादी, परवेज अंसारी, नसीम उर्फ टारजन, महेश लोदानी, शम्शू उर्फ माराडोना, जऊर चिश्ती के खिलाफ जांच शुरू की गई थी। इस केस में 12 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिसमें से 8 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।
उल्लेखनीय है कि जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद एक आरोपित पुरुषोत्तम उर्फ बबली ने आत्महत्या कर ली। नसीम उर्फ टारजन तो जमानत पर बाहर आते ही फरार हो गया था। 2010 में पुलिस ने उसे फिर से पकड़ा। मास्टरमाइंड फारूक चिश्ती को 2007 में सजी सुनाई गई थी, लेकिन उसे सिजोफ्रेनिया की बीमारी के बाद मेंटल घोषित कर दिया गया। नफीस को 2003 में अरेस्ट किया गया था, लेकिन अब वो बेल पर बाहर घूम रहा है। इकबाल भाटी भी बेल पर बाहर है। सलीम चिश्ती को उस घटना के 20 साल बाद 2012 में गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान वह बुर्के में पकड़ा गया था, लेकिन बेल पर वह भी बाहर है। सोहेल गनी चिश्ती ने साल 2018 में आत्मसमर्पण किया था और अब बेल पर बाहर है। जबकि अल्मास महाराज के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ है। पुलिस ने इस केस की जांच के बाद सप्लीमेंट्री चालान पेश नहीं किया था। इस कारण गवाहों को बार-बार कोर्ट में गवाही देने के लिए आना पड़ा। इसी गलती के कारण यह केस आज भी खींच रहा है।
क्या है मामला?
90 के दशक में अजमेर यूथ कॉन्ग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती ने यह घिनौना कुकृत्य किया था। ये लोग तब राजनीतिक और धार्मिक रूप से इतने प्रभावशाली थे कि इनके खिलाफ कोई मुँह खोलने को तैयार नहीं होता था। जानकारी होने के बावजूद पुलिस कार्रवाई करने से इसलिए बच रही थी कि शहर में दंगा ना भड़क जाए। ये खुद को अजमेर शरीफ के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम थे और खुद को चिश्ती का वंशज बताते थे। खास बात ये थी कि पीड़िताओं में हिंदू लड़कियां ही थीं, जबकि अधिकांश आरोपित मुस्लिम थे।

Hindi News/ Ajmer / दरगाह के खादिमों ने किया था वीभत्स सेक्स स्कैंडल, 100 से ज्यााद स्कूली छात्राओं को बनाया था अपना शिकार, कांप उठा था पूरा देश

ट्रेंडिंग वीडियो