
Law Education: New course design with Changes in IPC-CRPC
रक्तिम तिवारी
अजमेर. केंद्र सरकार के भारतीय दंड संहिता में बदलाव होने पर देश की विधि विश्वविद्यालयों और कॉलेज के पाठ्यक्रमों में भी संशोधन करना जरूरी होगा, हालांकि लोकसभा-राज्यसभा में बिल पारित होने, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के उपरांत ही कानून लागू होंगे। लेकिन विधि संस्थानों को सत्र 2024-25 में इसके अनुरूप विधि शिक्षा पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी जरूरी करनी होगी।
केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अपराध प्रक्रिया संहिता ( सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट) को खत्म कर भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा संहिता और साक्ष्य संहिता विधेयक-2023 लागू करने के लिए लोकसभा में बिल पेश किया है।
एलएलबी-एलएलएम में शामिल
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अपराध प्रक्रिया संहिता ( सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट) तीन और पांच वर्षीय एलएलबी, दो वर्षीय एलएलएम पाठ्यक्रम में शामिल हैं। राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय विधि विश्वविद्यालय, लॉ कॉलेज में इन्हें पढ़ाया जा रहा है।
बीसीआई-विशेषज्ञ करेंगे चर्चा
यूजीसी- बार कौंसिल ऑफ इंडिया और विधि शिक्षा के विशेषज्ञों की समिति बनानी होगी। यह समिति विधि शिक्षा के यूजी-पीजी पाठ्यक्रमों में शामिल किए जाने वाले नए बिंदूओं को सुझाएगी। इनके सुझाव पर नए कोर्स डिजाइन होंगे, हालांकि सत्र 2024-25 या इसके बाद ही बदलाव संभव होंगे।
फैक्ट फाइल (देश में)
25 नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी
849 प्राइवेट लॉ यूनिवर्सिटी150 स्टेट लॉ यूनिवर्सिटी
1250 लॉ कॉलेज544 कॉलेज को बीसीआई से मान्यता
580 कॉलेज को यूजीसी से मान्यता
नए कानूनी प्रावधान लागू होने पर विधि शिक्षा के कोर्स भी बदलने जरूरी होंगे, हालांकि अगले सत्र से ही कोर्स में परिवर्तन हो सकेंगे। शिक्षाविदों, विधि विशेषज्ञों को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने वाले बिंदुओं-विषयों पर चर्चा करनी होगी। इसके अनुसार कोर्स डिजाइन होंगे।-
डॉ. आर. एन. चौधरी, विधि संकाय, लॉ कॉलेज
Published on:
13 Aug 2023 09:00 am
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