स्मार्टसिटी बन रहे अजमेर शहर में कहने को अधिकतर कॉलोनियों में पार्क हैं। इन पार्कों को भी कई समितियों की ओर से विकसित भी किया जा रहा है, मगर बच्चों के लिए खेलने को लेकर किसी तरह का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कॉलोनियों में कहीं भी अलग से चिल्ड्रन पार्क विकसित नहीं किया गया है, जहां शहर के छोटे-छोटे बच्चों को एक साथ खेलते, मनोरंजन करते, झूलते देखा जा सकता है।
पार्कों में झूले लगाकर इतिश्री पार्कों में बच्चों के मनोरंजन के लिए सिर्फ झूले लगाकर इतिश्री कर दी जाती है। मगर विडम्बना यह है कि ये झूले भी दिनभर तालों में बंद रहते हैं, जिनका बच्चे लाभ नहीं उठा पाते हैं।
ऐसे हो चिल्ड्रन पार्क शहर में कम से कम एक ऐसा चिल्ड्रन पार्क विकसित किया जाना चाहिए, जहां जू हो, झूलों की व्यवस्था हो, अलग-अलग फूलों के बगीचे हों, बच्चों के लिए पार्क में ही टॉय ट्रेन, नौकायन आदि की सुविधा मिले। बड़े क्षेत्रफल में बच्चों को खेलने की जगह उपलब्ध हो, बच्चों को आइस्क्रीन, खाने-पीने की स्टॉल भी पार्क में उपलब्ध हो। बच्चों के साथ माताओं की एंट्री हो। सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था हो। खेलने के लिए पार्क में फुटबॉल, बॉल, रैकेट आदि की सुविधा हो।
करोड़ों की योजनाओं में नहीं चिल्ड्रन पार्क की थीम स्मार्टसिटी के तहत करोड़ों रुपए की योजनाएं मंजूर होने के साथ धरातल पर उतरने भी लगी है। इसके तहत नए पार्क भी विकसित किए जाने हैं, इनके लिए सर्वे एवं क्षेत्र चिह्नित भी किए जाने हैं मगर अभी तक चिल्ड्रन पार्क की थीम को लेकर किसी का ध्यान नहीं गया है।
इन शहरों में चिल्ड्रन पार्क जयपुर. जोधपुर, कोटा, उदयपुर सहित कई जगह चिल्ड्रन पार्क विकसित हैं।