वैदिक विद्वान डॉ. वेदपाल ने कहा कि महर्षि दयानन्द जागे तो वर्षों तक चले अंधविश्वास, पुरातन परम्पराएं धराशायी हुई। स्त्रियों की पढ़ाई, विधवा-विवाह प्रारंभ हुए और वेदों का पुनरुद्धार हो गय। वास्तव में ऋषि दयानंद ने वेदों का पूरे विश्व में डंका बजवाया। इस दौरान यज्ञ के ब्रह्मा पंडित सत्यानंद वेदवागीश थे।
वेदगोष्ठी की अध्यक्षता आचार्य वेदव्रत मीमांसक ने की। संयोजक वेदप्रकाश विद्यार्थी सहित वेदों के विषय में छात्र-छात्राओं तथा स्वाध्यायशील स्त्री-पुरुषों ने पत्र वाचन किया। ‘राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषयक संगोष्ठी में पं. सत्यानन्द वेदवागीश, प्रभाकर, मृत्युंजय, आचार्य कर्मवीर, प्रो. राजेन्द्र जिज्ञासु, डॉ. सुरेन्द्र कुमार, डॉ. वेदपाल, ओममुनि, आचार्य सूर्या देवी और अन्य ने विचार व्यक्त किए। परोपकारिणी सभा के पूर्व प्रधान डॉ. धर्मवीर की पत्नी ज्योत्सना भी मौजूद रही। अध्यक्षता आबू गुरुकुल के आचार्य ओमप्रकाश ने की। राजस्थान के लोकायुक्त सज्जनसिंह कोठारी ने कहा कि ऋषि दयानंद के विचार आधुनिक युग में भी प्रासंगिक हैं। इस दौरान सत्यानन्द आर्य, ब्रह्ममुनि ने भी भाषण दिया। पंडित भूपेन्द्र सिंह ने भजन पेश किए।
साहित्य-पुस्तक प्रदर्शनी ऋषि मेला में साहित्य और पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गई है। यहां वैदिक साहित्यों की बिक्री जारी है। कई पुस्तकों का विमोचन किया गया है। स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा लिखी ‘दु:खी दिल की पुरदर्द दास्तांÓ का विमोचन भी हुआ। इसका सम्पादन विरजानन्द दैवकरणि ने किया है। मेले में मनुस्मृति के नाम से वेबसाइट बनाई गई। आगामी सत्रों में डॉ. धर्मवीर की पुस्तकों का विमोचन होगा।
व्यायाम और योग प्रदर्शन
आर्यवीर दल ने व्यायाम प्रदर्शन किया। इस दौरान सूर्यनमस्कार, मलखम्भ, जूडो कराटे, आसन, लाठी, भाला, तलवार संचालन का प्रदर्शन हुआ। मुख्य अतिथि कार्यकारी प्रधान डॉ. सुरेन्द्र कुमार थे। परोपकारिणी सभा के मन्त्री ओममुनि ने आर्यवीरों को अनुशासन, वैदिक संस्कृति को बढ़ावा देने की बात कही। व्यायाम प्रदर्शन विश्वास पारीक, अभिषेक कुमावत, सुशील शर्मा के निर्देशन में कराया गया।
आर्यवीर दल ने व्यायाम प्रदर्शन किया। इस दौरान सूर्यनमस्कार, मलखम्भ, जूडो कराटे, आसन, लाठी, भाला, तलवार संचालन का प्रदर्शन हुआ। मुख्य अतिथि कार्यकारी प्रधान डॉ. सुरेन्द्र कुमार थे। परोपकारिणी सभा के मन्त्री ओममुनि ने आर्यवीरों को अनुशासन, वैदिक संस्कृति को बढ़ावा देने की बात कही। व्यायाम प्रदर्शन विश्वास पारीक, अभिषेक कुमावत, सुशील शर्मा के निर्देशन में कराया गया।
विवि में बनेगी दयानंद चेयर और वैदिक पार्क
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में ऋषि दयानंद चेयर और वैदिक पार्क की स्थापना होगी। यह घोषणा केंद्रीय मानव संसाधन विकास, जल संसाधन और गंगा पुनुरुद्धार मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने ऋषि मेले में की। डॉ. सिंह ने कहा कि ऋषि दयानंद ने दुनिया भर में वेदों की पताका फहराई। अजमेर ऋषि दयानंद की निर्वाण स्थली है। उनके नाम से संचालित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय मेें दयानंद चेयर और वैदिक पार्क बनाया जाएगा। इससे आमजन, आर्य विद्वानों, विद्यार्थियों-शोधार्थियों को वैदिक संस्कृति, ऋषि दयानंद की शिक्षाओं और परम्पराओं को जानने का अवसर मिलेगा। इससे पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने डॉ. सत्यपाल सिंह का कुलपति सचिवालय में स्वागत किया। पर्यावरण विभागाध्यक्ष और दयानंद पीठ के संयोजक प्रो. प्रवीण माथुर भी मौजूद रहे।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में ऋषि दयानंद चेयर और वैदिक पार्क की स्थापना होगी। यह घोषणा केंद्रीय मानव संसाधन विकास, जल संसाधन और गंगा पुनुरुद्धार मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने ऋषि मेले में की। डॉ. सिंह ने कहा कि ऋषि दयानंद ने दुनिया भर में वेदों की पताका फहराई। अजमेर ऋषि दयानंद की निर्वाण स्थली है। उनके नाम से संचालित महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय मेें दयानंद चेयर और वैदिक पार्क बनाया जाएगा। इससे आमजन, आर्य विद्वानों, विद्यार्थियों-शोधार्थियों को वैदिक संस्कृति, ऋषि दयानंद की शिक्षाओं और परम्पराओं को जानने का अवसर मिलेगा। इससे पूर्व कार्यवाहक कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने डॉ. सत्यपाल सिंह का कुलपति सचिवालय में स्वागत किया। पर्यावरण विभागाध्यक्ष और दयानंद पीठ के संयोजक प्रो. प्रवीण माथुर भी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि ऋषि दयानंद चेयर को सरकार जल्द मंजूरी देगी। इसके लिए उन्होंने कार्यवाहक कुलपति से तत्काल पत्र भी मांग लिया। इस दौरान प्रो. माथुर ने उन्हें दयानंद पीठ और प्रस्तावित दयानंद चेयर में चलने वाले कार्यक्रमों, शोध कार्य, वैदिक संगोष्ठी को लेकर प्रजन्टेशन दिया। डॉ. सिंह ने विश्वविद्यालय में भवनों के नाम ऋषि-मुनियों, महापुरुषों पर रखने, हरियाली और अन्य गतिविधियों को सराहा।