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अरावली की पहाडि़यों पर खनन

राजस्थान के मध्य में अरावली पर्वत शृंखला, कहीं लीज तो कहीं हो रहा अवैध खनन, राज्य सरकार भी अरावली पर्वत शृंखला के संरक्षण की बना रही योजना

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अरावली की पहाडि़यों पर खनन

अरावली की पहाडि़यों पर खनन

चन्द्र प्रकाश जोशी

अजमेर. प्रदेश में अरावली की पहाडि़यों पर अवैध खनन की गूंज सदन ही नहीं अदालतों में भी गूंजती रही, मगर आज तक अवैध खनन नहीं थमा है। अजमेर सहित करीब 15 जिले आज भी अरावली की पहाडि़यों में अवैध खनन का दर्द झेल रहे हैं। अजमेर जिले में अरावली की पहाडि़यां अवैध खननकर्ताओं के निशाने पर हैं। कुछ जगह लीज के नाम पर खनन हो रहा है तो कुछ जगह बिना लीज अन्य जगहों से पहाड़ को खोखला करने में जुटे हैं। खरेखड़ी, बंदिया, नारेली के पास, किशनगढ़, मसूदा, पुष्कर, बिजयनगर सहित संभाग के टोंक, भीलवाड़ा आदि स्थानों पर अवैध खनन के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं।

मध्य राजस्थान में यह स्थिति

मध्य राजस्थान में अजमेर, जयपुर एवं टोंक जिले में अरावली की पहाडि़यां निशाने पर हैं, जिनमें खनन की गतिविधियां चल रही हैं। राजस्थान के 15 जिलों में अरावली पर्वतमाला का 80 प्रतिशत हिस्सा है।

पंचायतों का रुख अलग, ग्रामीण मौन

खासकर ग्रामीण क्षेत्र के पास अरावली की पहाडि़यों में अवैध खनन ज्यादा हो रहा है। यहां पंचायतों का रुख अलग रहता है, ग्रामीण भी मौन रहते हैं। अजमेर के निकट खरेखड़ी में भी अवैध खननकर्ता गोशाला में आर्थिक मदद एवं संचालन के नाम पर बेरोकटोक खनन करते हैं।

सीईसी की रिपोर्ट

सेन्ट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) की 2018 की रिपोर्ट के अनुसार 1967-68 के बाद राजस्थान में अवैध खनन के कारण अरावली पर्वत शृंखला का 25 प्रतिशत हिस्सा समाप्त हो गया है।

अब सरकार आई आगे

राज्य के 2024 के बजट में अरावली की पहाडि़यों में 30 हजार हैक्टेयर भूमि पर पौधरोपण कराने की घोषणा की गई है। इससे अवैध खनन पर अंकुश लग सकता है।

औषधीय पौधों को बचाने के लिए विधानसभा में उठाई आवाज

अरावली पर्वत क्षेत्र से लगे जंगलाें में 371 तरह के औषधीय पेड़-पाैधाें की प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन धीरे-धीरे इनमें से कई विलुप्ति की कगार पर हैं। सरकारी स्तर पर इस खजाने काे बचाने का प्रयास नहीं किया गया। वर्तमान में जल संसाधन मंत्री विधायक सुरेश रावत ने पूर्व कार्यकाल में विधानसभा में मांग रखी है कि नागपहाड़ क्षेत्र में इन दुर्लभ औषधियाें का अनुसंधान कर इसे बचाया जाए।


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