इस दौरान विवाहिता के साथ छेडख़ानी कर दी। पीडि़ता पहले तो कुछ समझ नहीं पाई। बाद में आरोपी की हरकतें बढ़ती गई और उसे बाहों में भर लिया। अचानक हुए इस वाकिए से विवाहिता घबरा सी गई। खेत सुनसान था,लेकिन हिम्मत कर उसने शोर मचा दिया। बाद में खेत मालिक किसान ने पीडि़ता को धमकाया कि जुबान खोली तो नतीजे बुरे निकलेंगे।
मामला उजागर हुआ तो… आरोपी और पीडि़ता एक ही गांव नूरियावास निवासी हैं। घटना के बाद विवाहिता घर आ गई। परिजन ने उसे सुस्त व परेशान देखा तो कारण पूछ लिया। बाद में विवाहिता ने घर वालों को आपबीती सुना दी। मामला गांव के पंच-पटेलों तक जा पहुंचा जो इज्जत, कानूनी कार्रवाई का डर बदनामी का हवाला देकर पीडि़ता को चुप रहने को कहा। यह घटना 7 अक्टूबर की बताते हैं। पांच दिन तक मामला शांत रहा,लेकिन पीडि़ता ने जुबान खोल दी थी। इससे आरोपी खफा हो गया। चूंकि वह रसूखदार व पैसे वाला था। इसलिए पीडि़ता व उसके परिजन को सबक सिखाने की प्रतीक्षा में रहा।
11 अक्टूबर को विवाहिता की सास किसी काम से नूरियावास गांव आई थी। इस दौरान आरोपी की बेटी व पत्नी ने मिलकर पीडि़ता की सास पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसे घायल कर दिया।
एसपी के दखल से प्राथमिकी हुई दर्ज आरोप है कि पीसांगन थाना पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत को अधिक तवज्जो नहीं दी। इस दौरान समाज विशेष का भी दबाव रहा। बाद में पीडि़ता जिला पुलिस अधीक्षक,अजमेर कार्यालय जा पहुंची। इसके चलते एसपी के निर्देश पर थाना पुलिस ने विवाहिता से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर लिया।
बाइक पर बैठाकर लाया था खेत पर मजे की बात तो यह है कि विवाहिता खुद खेत मालिक की बाइक पर बैठकर फसल कटाई के लिए खेत पर आई थी। विवाहिता ने बाजरे की फसल कटाई भी शुरू कर दी। बाद में छेड़छाड़ का मामला सामने आया। यहां सवाल यह है कि विवाहिता के घर वालों ने खेत मालिक के साथ उसे अकेली क्यों भेज दिया? फिर ग्रामीणों की मध्यस्थता से मामला शांत हो गया था तो घटना के चार दिन बाद आरोपी की बेटी व पत्नी ने विवाहिता की सास पर हमला क्यों कर दिया। कहीं ऐसा तो नहीं है कि विवाहिता को जुबान बंद रखने को कहा गया था,लेकिन उसने मामला उजागर कर दिया। इसलिए आरोपी व उसके परिजन खफा थे। बहरहाल जो भी हो,अब गेंद पुलिस के पाले में हैं। जांच के बाद ही असलियत सामने आ पाएगी।