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राजस्थानः साकार हुर्इ गंगा-जमुनी तहजीब, मुस्लिम धर्मावलंबियों ने पेश की साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल

अजमेर के श्रीनगर कस्बे ने साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की है। इससे पता लगता है कि देश की गंगा-जमुनी तहजीब लोगों के दिलों में हिलोरे मार रही है।

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मयंक पारीक/श्रीनगर। कश्मीर के श्रीनगर में तनाव चरम पर है, लेकिन राजस्थान के अजमेर जिले का श्रीनगर कस्बा साम्प्रदायिक सौहार्द की एेसी मिसाल पेश कर रहा है जो बताता है कि देश की गंगा-जमुनी तहजीब लोगों के दिलों में कितनी शिद्दत से हिलोरे मार रही है।

कस्बे में जलझूलनी पर हर वर्ष की तरह इस बार भी रेवाड़ियों के विशाल मेले का हर्षोल्लास से आयोजन किया गया। मेले में कस्बे के सात मन्दिरों से भगवान की रेवाड़ियां ढोल नगाड़ों के साथ अलग-अलग मन्दिरों से रवाना हुर्इ। रेवाडियां जब एक साथ बस स्टैंड पहुंची तो सभी ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इसके बाद ये रवाना होकर बालदकादड़ा मेला मैदान के लिए रवाना हुई। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रेवाड़ियों का ईदगाह के आगे पुष्प वर्षा कर जोरदार स्वागत किया।

श्रीनगर कस्बे में पहली बार मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रेवाड़ियों पर पुष्प वर्षा कर साम्प्रदायिक सौहार्द की नर्इ मिसाल कायम की है। इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मन्दिरों के पुजारियों आैर इन पालकियों को लेने वाले नौजवान युवाओं का भी माला पहनाकर व साफा बांधकर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने श्रीनगर सरपंच चन्द्रकान्ता राठी, उपसरपंच देवकरण माली, वार्डपंच दिलीप राठी, पूर्व सरपंच रामकरण यादव, पण्डित रमेश जोशी, बालस्वरूप चौधरी, अनूप राठी, पटेल हंसराज यादव, श्रीनगर के मण्डल महामंत्री महावीर मेघवंशी सहित सभी क्लब के अध्यक्षों व प्रतिष्टित व्यक्तियों का माला पहनाकर व साफा बांधकर स्वागत किया। इस दौरान गले में जय श्री श्याम का दुपट्टा भी पहनाया गया। वहीं हिन्दू समुदाय के लोगों ने भी मुस्लिम भाइयों से गले मिलकर ईद के पर्व की बधाई दी। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने हिन्दू भाइयों को जलझूलनी एकादशी की बधाई दी।

कस्बे के लोगों ने इसे साम्प्रदायिक साैहार्द आैर एक दूसरे के प्रति प्रेम की जमकर प्रशंसा की। ईदगाह के पास भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के साहुल हमीद की देखरेख में हिन्दू धर्मावलंबियो का स्वागत किया गया। रेवाड़ियों के मेले में भी सैंकड़ों की संख्या में आस-पास क्षेत्रों से आए ग्रमीणों, महिलाओं आैर युवाओं ने जोश व उत्साह के साथ भाग लिया। इन पालकियों में विराजमान भगवान को स्नान कराकर ले जाने के बाद मेला मैदान से ईदगाह के पास तक लोग रेवाड़ियों के नीचे से निकलने के लिए लोगों की भीड़ लग गर्इ। एेेसी मान्यता है कि इनके नीचे से निकलने से दुख दूर होते हैं।

रेवाडियां जब अजमेरी गेट पर पहुंची तो सनराइज क्लब के सदस्यों की और से पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। नगर में प्रवेश करते ही ग्रामीणों और महिलाओ ने भी पुष्प वर्षा की और सभी रेवाड़ियों की पूजा अर्चना की। इस दौरान कस्बे के युवा रेवाड़ियों के आगे ढोल आैर झांझर की धुन पर नाचते हुए चल रहे थे।


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