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एनजीटी का फैसला : दो माह में हटाएं ग्रीन बेल्ट में बने निर्माण

- खुले व हरित पट्टिका में बनाए गए निर्माण नियम विरुद्ध - आजाद पार्क, लवकुश उद्यान, गांधी स्मृति पार्क व आनासागर का ग्रीन जोन सेवन वंडर भी शामिल - राज्य सरकार के लगभग 70 करोड़ रुपए लगे दाव पर आनासागर झील व पर्यावरण संरक्षण को लेकर नेशनल ग्रीन टि्रब्यूनल ने अब कड़ा रुख अख्तियार किया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए चार बड़े निर्माण को अवैध करार देते हुए इन्हें दो माह में हटाकर पालना रिपोर्ट जिला कलक्टर के माध्यम से टि्रब्यूनल को देने के आदेश दिए गए हैं।  

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अजमेर

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Dilip Sharma

Aug 31, 2023

एनजीटी का फैसला : दो माह में हटाएं ग्रीन बेल्ट में बने निर्माण

एनजीटी का फैसला : दो माह में हटाएं ग्रीन बेल्ट में बने निर्माण

अजमेर. आनासागर झील व पर्यावरण संरक्षण को लेकर नेशनल ग्रीन टि्रब्यूनल ने अब कड़ा रुख अख्तियार किया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाए गए चार बड़े निर्माण को अवैध करार देते हुए इन्हें दो माह में हटाकर पालना रिपोर्ट जिला कलक्टर के माध्यम से टि्रब्यूनल को देने के आदेश दिए गए हैं। इन प्रमुख निर्माण में आजाद पार्क क्षेत्र में बने स्पाेर्ट्स कॉम्प्लेक्स, लवकुश उद्यान जहां व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हैं, हरिभाऊ उपाध्याय नगर गांधी स्मृति उद्यान व आनासागर ग्रीन जोन जिसमें सेवन वंडर्स निर्माण आदि शामिल हैं। पालना रिपोर्ट जिला कलक्टर और नगर निगम आयुक्त एवं सेंट्रल जोन बैंच भोपाल को देने के आदेश दिए गए हैं।फैसले के प्रमुख तथ्य

कुंदन नगर निवासी अशोक मलिक की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के बाद टि्रब्यूनल के न्यायाधीश सुधीर अग्रवाल व अफरोज अहमद ने 39 पृष्ठीय आदेश में लिखा कि वेटलैंड नियमों व झील संरक्षण अधिनियमों के प्रावधान अनुसार खुले या खेल मैदान, पार्क या बगीचे में किसी प्रकार का निर्माण अनुचित है। यहां इन निर्माणों की लागत 70 करोड़ रुपए आंकी गई है।प्रमुख बिंदु जिनके कारण एनजीटी ने निर्माण को अवैध बताया

- क्षेत्र ग्रीन बेल्ट है उसे सुरक्षित रखना चाहिए

- मास्टर प्लान 2021 के अनुसार ग्रीन बेल्ट के लिए निर्धारित क्षेत्र आरक्षित रखना होगा- कोई आवासीय निर्माण है या करना है तो इसके लिए विधिवत सक्षम न्यायालय की अनुमति आवश्यक

- ग्रीन बेल्ट पार्क या खुले मैदान में कोई भी बदलाव क्षति या रूपांतरण नहीं किया जा सकता- लोक सुविधाओं के लिए ऐसा करना जरूरी हो तो भी हरित पट्टिका या मैदान को नहीं बदला जा सकता

- पार्क की प्रकृति वाली भूमि पर किसी प्रकार का निर्माण है तो उसे हटाया जाए ध्वस्त किया जाए और ग्रीन बेल्ट को मूल अवस्था में स्थापित किया जाए।

इनका कहना है...एनजीटी के आदेश की प्रति आज प्राप्त हुई है। इस पर विधिक राय लेकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

- सुशील कुमार, आयुक्त, नगर निगम, अजमेर