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दरकते रिश्ते : उम्र के आखिरी पड़ाव पर कमजोर हुई बुढ़ापे की लाठी

locationअजमेरPublished: Aug 18, 2022 01:51:45 am

Submitted by:

manish Singh

हयूमन स्टोरी- बढ़ रहे हैं वृद्धजन व माता-पिता को प्रताडि़त करने के मामले
 

दरकते रिश्ते : उम्र के आखिरी पड़ाव पर कमजोर हुई बुढ़ापे की लाठी

राजेश टंडन, उपाध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड

अजमेर.जिन्हें अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। उन्हीं बच्चों ने माता-पिता के जीवनभर के प्रेम और तपस्या को भुलाकर उम्र के आखिरी पड़ाव पर उन्हें दर-दर की ठोकर खाने के लिए छोड़ दिया। यही नहीं कुछेक बच्चों ने तो माता-पिता की जीवनभर की जमापूंजी को भी हड़पकर उन्हें बेदखल कर दिया। बदलते वक्त के साथ रिश्तों के बीच में बढ़ती दरार को जरूरत है तो उचित परामर्श और बातचीत की। हालांकि कुछेक मामलों में जिम्मेदार अधिकारी भी कहीं न कहीं वरिष्ठजन की अनदेखी कर आरोपियों को बल दे रहे हैं, जबकि इन मामलों में यह जिम्मेदारी पुलिस बखूबी निभा सकती है।
केस-1

रेलवे से सेवानिवृत्त कर्मचारी। बच्चों का लालन-पालन करने के साथ शहर में एक दो नहीं बल्कि चार मकान बनाए। बच्चों को व्यापार के लिए जमापूंजी भी सौंप दी, लेकिन धन के लालची बेटे-बहूं ने वृद्ध दम्पती को सम्पति से बेदखल करने का षड़यंत्र रच डाला।
केस-2

नागौर जिले के दहेज प्रताड़ना के एक मामले में पुत्रवधू ने बूढ़े सास-ससुर को ताले में बंधक बना दिया। मामला वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष व एडवोकेट राजेश टंडन तक पहुंचा। नागौर एसपी राममूर्ति जोशी के दखल के बाद बुजुर्ग दम्पती को मुक्त करवाया गया। मामले में पीडि़त दम्पती ने डीजीपी से गुहार लगाई है।
केस-3

65 वर्षीय पीडि़ता ने बड़े बेटे व पुधवधू की मारपीट से परेशान होकर क्लॉक टावर थाने में रिपोर्ट दी। पीडि़ता को बेटा-बहू उसका भरण-पोषण करने की बजाए उसे घर से निकालने पर आमदा हैं। पुलिस ने रिपोर्ट पर मारपीट व 24 अभिभावक एवं वरिष्ठ नागरिक देखभाल अधिनियम में मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।
केस-4

तीन बेटों की मां ने एसपी से फरियाद लगाई कि पति की मृत्यु के बाद वह अपना भरण-पोषण करती आ रही है। इसके बावजूद बड़ा बेटा आए दिन डरा-धमकाकर प्राताडित करता है। दो बेटे और उनकी पत्नियां भी उसका साथ देती हैं। गत 23 जुलाई को बड़े बेटे ने बेरहमी से मारपीट की। रामगंज थाने गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई बल्कि पुत्र-पुत्रवधू ने थाने के बाहर खरी-खोटी सुनाई। एसपी के दखल के बाद मामला दर्ज किया।
यहां ढाई माह में 60 केस

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड गठित कर वरिष्ठजन की समस्या, शिकायतों को प्राथमिकता से सुनने और निस्तारण के आदेश दिए हैं। बोर्ड उपाध्यक्ष राजेश टंडन के पास ढाई माह में 60 प्रकरण आ चुके हैं। इनमें वरिष्ठजन को ना केवल बच्चों व रिश्तेदारों बल्कि लोकसेवकों ने भी हैरान परेशान किया। टंडन की शिकायत पर डीजीपी एम. एल. लाठर ने जिला पुलिस के एक दीवान को निलंबित भी किया था।
भीलवाड़ा में सफल रहा प्रयोग

वरिष्ठजन से जुड़ी समस्याओं के निस्तारण के लिए भीलवाड़ा जिला पुलिस ने वृद्धजन पारिवारिक परामर्श केन्द्र की स्थापना की। केन्द्र में पुलिस अधिकारी के जरिए वरिष्ठजन की समस्या की पहले सुनवाई कर दो पक्षीय बातचीत कराई जाती है। वरिष्ठजन के चाहने पर पुलिस कानूनी कार्रवाई अमल में लाती है। हालांकि अजमेर में फिलहाल सीधे एसपी चूनाराम व एएसपी विकास सांगवान सुनवाई कर रहे हैं।
एसडीएम कोर्ट में सुनवाई

वरिष्ठजन अपनी शिकायत सीधे उपखण्ड अधिकारी के कार्यालय में कर सकते हैं। नियत अवधि में निस्तारण नहीं होने व कार्रवाई से असंतुष्ट रहने पर जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में अपील कर सकते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के जीवन एवं सम्पति के नियम व अधिकार

– प्रत्येक थाने में विशेष तौर पर एकल वरिष्ठ नागरिकों की सूची रखी जाएगी

– सूचीबद्ध वरिष्ठ नागरिकों से माह में एक बार मुलाकात व सहायता
– थाने पर वरिष्ठ नागरिक की शिकायत, परिवाद का तत्परता से निवारण

– थाने पर समिति गठित कर एकांकी जीवन जीने वाले वरिष्ठजन पर विशेष निगरानी- पुलिस अधीक्षक के स्तर पर वरिष्ठ नागरिकों के प्रकरणों की नियमित सुनवाई
– वरिष्ठ नागरिकों के साथ होने वाले अपराध का अलग से लेखा-जोखा

– वरिष्ठ नागरिकों के दर्ज होने वाले अपराध की सूचना हर माह एसपी को भेजना

– वरिष्ठ नागरिकों के यहां कार्यरत घरेलू नौकर व अन्य लोगों का पुलिस सत्यापन- वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए सामुदायिक पुलिसिंग की व्यवस्था
– वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध होने वाले अपराध की सूची हर माह डीजी व कलक्टर को भेजी जाए।

इनका कहना है…

वरिष्ठजन की शिकायत का सीधे एसडीएम कोर्ट में सुनवाई का अधिकार है। एसडीएम कोर्ट की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होने पर जिला कलक्टर की कोर्ट में अपील की जा सकती है। पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने वरिष्ठजन की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पुलिस थाने के स्वागत कक्ष महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। यहां वरिष्ठजन की पीड़ा सुनने के बाद समस्या का निस्तारण किया जा सकता है।
राजेश टंडन, उपाध्यक्ष, वरिष्ठ नागरिक कल्याण बोर्ड

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