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रात को सोए तब आंखों में जलन,सुबह उठे तो लाल सूर्ख और सूजी मिली

केकडी़ शहर में जश्ने ईद मिलादुन्नबी के जलसा स्थल पर हैलोजन की तेज रोशनी से आंखों में फैला संक्रमण,अस्पताल पहुंचे तो मची अफरा-तफरी,चिकित्सक बोले-समय पर इलाज नहीं होता तो नेत्र ज्योति खोने का था खतरा

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One hundred and fifty people suffer eye infection

केकड़ी में ईद मिलादुन्नबी के जलसे में हैलोजन की तेज रोशनी से आंखों में संक्रमण से पीडि़तों की जांच करते चिकित्सक।

अजमेर. जिले के केकड़ी उपखंड मुख्यालय पर रविवार रात लोग जश्ने ईद मिलादुन्नबी के जलसा में शामिल थे। इस दौरान हैलोजन की तेज रोशनी से कई लोगों की आंखों में तेज जलन हुई और पानी बहने लगा।

इससे पीडि़त लोग रात को तो घर जाकर सो गए,लेकिन सुबह उठे तो आंखें लाल सूर्ख हो गई और सूजन आने व पानी बहने से पीडि़त घबरा गए। ऐसे करीब करीब 150 महिला, पुरुष व बच्चे केकड़ी के राजकीय अस्पताल पहुंचे तो वहां एक साथ इतने मरीज आने से अफरा-तफरी सा माहौल हो गया।
मिलादुन्नबी कमेटी के तत्वावधान में खिडक़ी गेट पर जलसे का आयोजन किया गया था। यहां तेज रोशनी वाली हैलोजन लाइट्स लगाई गई थी। जलसा शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही कुछ लोगों ने तेज रोशनी के चलते आंखों में जलन आदि की शिकायत की। इसके बाद संचालकों ने तेज रोशनी वाली लाइट्स बंद करवा दी,लेकिन पीडि़तों की आंखों में जलन होती रही।

100 पुरुष, 25 महिलाएं व 25 किशोर शामिल

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रामअवतार स्वर्णकार एवं उनकी टीम ने संक्रमण प्रभावितों की जांच कर उपचार किया। पीडि़तों में 100 पुरुष, 25 महिलाएं व 25 किशोर शामिल रहे। चिकित्सकों के अनुसार समय पर उपचार नहीं मिलने की स्थिति में आंखों की रोशनी जाने का खतरा था। हैलोजन लाइट को बूस्ट कर लगाने के चलते लाइटों की रोशनी बढ़ गई।

नतीजतन वहां मौजूद लोगों की आंखों में संक्रमण हो गया। एक साथ इतने लोगों के संक्रमित होने की सूचना मिलने पर जश्ने ईद मिलादुन्नबी कमेटी के सदर अब्दुल सलाम गौरी व कमेटी के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे और उपचार आदि की जानकारी ली।

तीन दिन रहेगा प्रभाव

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. स्वर्णकार के अनुसार इस संक्रमण को फोटो किरेटाइटिस कहा जाता है। इसका असर तीन दिन तक रहेगा। इस दौरान पूरी सावधानी रखने के साथ ही आंखों को तेज धूप से बचाने के लिए काला चश्मा लगाना तथा चिकित्सक द्वारा बताई गई दवा डालना जरूरी है। जलन आदि का प्रभाव कम करने के लिए आंखों का ठंडे पानी से सिकाव किया जाना चाहिए।


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