
ऑनलाइन ठगी : लोन के लालच में सीआरपीएफ के सब-इंस्पेक्टर ने गंवाए दो लाख रुपए
Ajmer अजमेर. कभी-कभी विश्वास के साथ भी दगा हो जाता है। ऐसा ही सीआरपीएफ के एक सब-इंस्पेक्टर के साथ हुआ। उसके पास किसी कॉलर ने बैंक संबंधित दस्तावेज हासिल कर खाते से पौने 2 लाख रुपए की नकदी साफ कर दी। पीडि़त सब-इंस्पेक्टर ने गंज थाने में रिपोर्ट दी है। पुलिस ने धोखधड़ी का मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया। दीवान भागचन्द ने बताया कि अलवर जिले के बहरोड़ उपखंड के गंडाला हाल सीआरपीएफ जीसी-2 में तैनात उपनिरीक्षक विक्रमसिंह ने रिपोर्ट में बताया कि उसके पास 31 जुलाई को कॉल आया था।
कॉलर ने खुद को रिलायंस कस्टमर केयर से बोलना बताते हुए ऋण के लिए पूछा तो उसने हामी भर दी। कुछ देर बाद कॉलर ने आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक पासबुक की फोटो प्रति मांगी। इससे पहले कॉलर ने अपना आईडी व आधार भेजकर उसे विश्वास में ले लिया। आधार व आईडी देखने के बाद उसने तीनों दस्तावेज की फोटो कॉपी कॉलर को भेज दी।
साढ़े तीन लाख का लोन पास
एसआई विक्रमसिंह ने बताया कि उसे साढ़े तीन लाख रुपए का लोन अप्रूव होने बाबत मैसेज भी आया। इसके बाद उसके बैंक खाते से एक लाख 78 हजार 849 रुपए की निकासी हो गई। रकम निकासी के दो दिन बाद तक कॉलर उससे और रकम की डिमांड करता रहा। पुलिस ने एसआई की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया। प्रकरण में अनुसंधान थानाधिकारी धर्मवीर सिंह जांच कर रहे हैं।
विश्वास जताकर लगाते रहे चपत
रिलायंस फाइनेन्स लि. का कर्मचारी बताते हुए आलोक कुमार सिंह व वेद प्रकाश साहू के नाम से अपनी आईडी पीडि़त को भेजी। आधार व पैन कार्ड भेजने पर उसे विश्वास हो गया। आरोपियों ने लोन स्वीकृति पर 1500 रुपए का फाइल चार्ज भी लिया। उसने फाइल चार्ज भी ऑनलाइन जमा करवा दिया। इसके बाद आरोपियों ने धीरे-धीरे 9 बार में उससे एक लाख 78 हजार 849 रुपए की रकम हड़प ली। आरोपी उसको हर बार लोन की स्वीकृत राशि में उसकी रकम लौटाने की बात कहते रहे। विश्वास में वह भी रकम देता रहा। रकम नहीं लौटाने पर पीडि़त विक्रमसिंह ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
Published on:
07 Aug 2021 12:38 am
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