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भवन निर्माणों में नहीं अपनाई जा रही भूकंपरोधी तकनीक

अनदेखी : शहर में नहीं लग पा रही अवैध बसावट पर रोक शहर में अवैध बसावट पर रोक नहीं लग पा रही है। भूकंपरोधी तकनीक की अनदेखी कर भवनों का निर्माण किया जा रहा है। पहाड़ी से लेकर ऊंचे टीलों, मैदानी इलाकों में कॉलम- बीम के बिना कई मंजिला भवन तैयार किए जा रहे हैं। भूकम्परोधी तकनीक का पालन कराने के लिए कोई निगरानी या कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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अजमेर

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Dilip Sharma

May 25, 2023

भवन निर्माणों में नहीं अपनाई जा रही भूकंपरोधी तकनीक

भवन निर्माणों में नहीं अपनाई जा रही भूकंपरोधी तकनीक

अजमेर. शहर में अवैध बसावट पर रोक नहीं लग पा रही है। भूकंपरोधी तकनीक की अनदेखी कर भवनों का निर्माण किया जा रहा है। पहाड़ी से लेकर ऊंचे टीलों, मैदानी इलाकों में कॉलम- बीम के बिना कई मंजिला भवन तैयार किए जा रहे हैं। भूकम्परोधी तकनीक का पालन कराने के लिए कोई निगरानी या कार्रवाई नहीं की जा रही है।

यह हैं हालात

25 प्रतिशत से ज्यादा भवनों में भूकम्परोधी तकनीक का पालन नहीं

10 फीसदी लोग ही निर्माण से पहले कराते हैं मिट्टी परीक्षण

250 से ज्यादा कॉलोनियों में नक्शा स्वीकृति की अनदेखी

05 प्रतिशत हर साल लगभग नक्शा स्वीकृति के बगैर निर्माण

4.50 लाख लोग अवैध कॉलोनियों में निवासरत

अवैध निर्माण पर रोक नहीं

दरगाह-तारागढ़ इलाके में पहाडि़यां, वैशाली नगर-आंतेड़, घूघरा घाटी, नागफणी, ओम नगर, जटिया हिल्स सहित अन्य इलाकों में पहाडि़यों सहित कई इलाकों में भवन निर्माण कर लोग रह रहे हैं। कई जंगलों में कालोनियों बन गई हैं। भूकम्परोधी तकनीक की अनदेखी कर मनमाने तरीके से भवन का निर्माण किया जा रहा है। शहर में इन कॉलोनियों की संख्या करीब ढाई सौ है।

इन मानकों का होना चाहिए पालन

विशेषज्ञ मानते हैं कि भूकम्परोधी तकनीक से भवन निर्माण के लिए आइएस 1893 पार्ट, 2016, आइएस 875, आइएस 13920, आइएस 456, आइएस 2720, आइएस 2131 जैसे मानकों का पालन आवश्यक है। ज्यादातर भवनों के निर्माण में इन मानकों की अनदेखी हो रही है।

ऐसे बरत रहे लापरवाही

- नक्शा स्वीकृति के बगैर भवन निर्माण

- नींव में आरसीसी के स्थान पर ईंट का उपयोग

- भवन में ज्यादा या कम सरिया का उपयोग

- पुरानी व कम गुणवत्ता वाले सरिया का उपयोग

- सरिया का जाल बांधने में लापरवाही होने पर कमजोर पकड़

- छत की ढलाई टुकड़ों में कराना

- कंकरीट के सही मिश्रण का उपयोग न करना

- कंकरीट की दीवार के निर्माण के दौरान पर्याप्त तराई नहीं करना

----------------------------------------------------------------------------------टॉपिक एक्सपर्ट

नियमानुसार भूकंपरोधी भवन बनाया जाना चाहिए। भवन निर्माता आर्किटैक्ट के पास जाता है तो उसका कर्तव्य होता है कि वह उसे सही राय दे। इसके लिए आर्किटैक्ट को स्ट्रक्चरल डिजाइनिंग बनवानी होती है। नींव में कितना सरिया, सीमेंट व मंजिल की ऊंचाई आदि का अनुमान होता है। 10 से 25 हजार तक खर्चा आता है। स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग डिजाइन भूकंपरोधी भवन बनेगा। आर्किटैक्ट यह खर्च बचाने के लिए भवन निर्माता को स्वयं ही अनुमान अनुसार सरिया सीमेंट की जानकारी निर्माण एजेंसी या ठेकेदार को दे देता है। भवन निर्माता को भी अपने आर्किटैक्ट से यह बात पूछनी चाहिए कि उसका स्ट्रक्चरल डिजाइनिंग कहां से कराई है। आर्किटैक्ट केवल भवन व फ्रंट का एलिवेशन दे सकता है। भवन स्वामी भी इसमें सहमत होता है तो बात खुल नहीं पाती।

रमेश टहलयानी, बिल्डर व भवन निर्माण मामलों के सलाहकार