पुलिस अधीक्षक(एसीबी अजमेर) मृदुल कच्छावा ने बताया कि अजमेर चौकी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सी.पी. शर्मा, उप अधीक्षक महिपाल चौधरी की टीम ने किशनगढ़ जलदाय विभाग(पीएचईडी) के सहायक अभियंता सुरेन्द्र कुमार व उनके निजी सहायक(यूडीसी) नवरत्न सोलंकी को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। एईएन ने विभागीय ठेकेदार जाटली निवासी मंगलाराम से लाइन सिफ्टिंग कार्य पूर्ण होने पर एनओसी दिलाने के नाम पर एक लाख रुपए मांगी थी। मामले में ठेकेदार मंगलाराम ने 15 मई को अजमेर एसीबी को शिकायत दी। अजमेर एसीबी ने 21 मई को शिकायत का सत्यापन करने के बाद बुधवार दोपहर कार्रवाई को अंजाम दिया।
पहले भी लिए एक लाख रुपए उप अधीक्षक महिपाल चौधरी ने बताया कि ठेकेदार मंगलाराम से पूर्व में एक लाख रुपए की रकम ली जा चुकी है। उसे डीएफसीसी ने आजाद नगर से चमड़ाघर के बीच जलदाय विभाग की पेयजल लाइन सिफ्ट करने का काम दिया। उसने सितम्बर 2018 में काम पूरा कर दिया लेकिन डीएफसीसी ने कार्य का पैसा जलदाय विभाग की एनओसी पर दिया जाना था। एनओसी के लिए एईएन सुरेन्द्र कुमार ठेकेदार से एक लाख रुपए ले चुका था। वह मंगलाराम से 1 लाख रुपए की ओर डिमांड कर रहा था।
यूं किया गिरफ्तार एसीबी ने मंगलराम की शिकायत पर 21 मई को शिकायत का सत्यापन किया जिसमें एईएन सुरेन्द्र कुमार ने ठेकेदार से एक लाख रुपए की डिमांड करते हुए रकम यूडीसी नवरत्न सोलंकी को देने के लिए कहा। एसीबी की टीम बुधवार को जाल बिछाते हुए बुधवार सुबह किशनगढ़ एईएन ऑफिस पहुंची। ठेकेदार मंगलाराम रिश्वत की रकम लेकर पहुंचा तो यूडीसी सोलंकी उसे एक्सईएन ऑफिस ले गया। यहां वह उससे एक लाख रुपए लेने के बाद अपने ऑफिस में लौट आया। उसके अपने ऑफिस में लौटते ही एसीबी टीम ने रिश्वत की एक लाख की रकम के साथ दबोच लिया। एसीबी ने एईएन सुरेन्द्र कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया।
अजमेर एसीबी की दूसरी कार्रवाई अजमेर एसीबी की एक सप्ताह में दूसरी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। पांच दिन पहले अजमेर एसीबी की टोंक चौकी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बजरी के अवैध खनन में चल रही पुलिस की वसूली के खेल को उजागर किया था। एसीबी ने पीपलू थाने के सिपाही कैलाशचन्द जाट को रिश्वत के 6 हजार रुपए के साथ गिरफ्तार किया था जबकि प्रकरण में थानाधिकारी विजेन्द्र सिंह गिल अभी फरार है।