दरगाह कमेटी को भी करनी चाहिए पहल ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में देश और विदेश से जायरीन (Zarine )आते हैं। उर्स (Urs) के दौरान इनकी संख्या में लाखों में पहुंच जाती है। ऐसे में यदि दरगाह परिसर और दरगाह क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त कर दिया जाए तो यह संदेश ओरों के लिए प्रेरणा साबित हो सकता है। दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों को पहल करनी चाहिए। ख्वाजा साहब का उर्स फरवरी 2020 में होगा।
12 मिनट उपयोग, नष्ट होने में 500 साल से अधिक-
12 मिनट उपयोग, नष्ट होने में 500 साल से अधिक-
देश में प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग का समय औसत 12 मिनट निकाला गया है। लेकिन उसे नष्ट करने में 500 साल होने से भी अधिक साल लगते है। ऐसे में आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हो कि पर्यावरण के लिए कितनी घातक है।
फैक्ट फाइल (2018 जनवरी से दिसम्बर तक के आंकड़े)
– 4733700 देश भर से जायरीन दरगाह आए – 53312 विदेशी पर्यटक अजमेर आए
– 4454740 देशभर के श्रद्धालु पुष्कर आए – 109797 विदेशी पर्यटक पुष्कर आए
– 4733700 देश भर से जायरीन दरगाह आए – 53312 विदेशी पर्यटक अजमेर आए
– 4454740 देशभर के श्रद्धालु पुष्कर आए – 109797 विदेशी पर्यटक पुष्कर आए
फैक्ट फाइल – 300 मिलियन टन दुनिया भर में प्लास्टिक का उत्पादन
150 मिलियन टन प्लास्टिक डिस्पोजल में होता खर्च 8 मिलियन टन महासागरों में फेंक दिया जाता
एक्सपर्ट व्यू इंसान ने और त्याग भी उसी को करना
प्लास्टिक को इंसान (Plastic to human) ने ही बनाया है उसका त्याग भी उसे ही करना है। प्लास्टिक पर्यावरण सहित सभी के लिए खतरा बन गई है। उसका निराकरण भी हमें करना होगा। पुष्कर मेला (Pushkar Fair) और उर्स में देश-विदेश से लाखों लोग आते है। जिला प्रशासन को इन्हें प्लास्टिक मुक्त करने की पहल करनी चाहिए। यहां आने वाले लाखों लोग भारत सहित पूरे विश्व में यह संदेश पहुंचेगा। इसके लिए सख्ती के साथ समझाइश करनी चाहिए। इससे धार्मिक संदेश भी पहुंचेगा। उर्स की नमाज के दौरान दुकानदार (Shopkeeper) जायरीन को नवाज पढऩे के लिए जगह के साथ बैठने के लिए साधन भी उपलब्ध कराते है।
– डॉ. अनंत भटनागर, शिक्षाविद्
– डॉ. अनंत भटनागर, शिक्षाविद्