
PM Vidyalakshmi Scheme : केंद्र सरकार ने विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की है। इसमें विद्यार्थियों को बैंक और वित्तीय संस्थान बिना किसी गारंटी या जमानत के लोन देंगे। इसका फायदा राजस्थान के NIRF रैंकिंग कालेज के छात्र-छात्राओं को भी मिलेगा। लेकिन राज्य के 11 संस्थानों के पास ही नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क के तहत रैकिंग है। ऐसे में उन्हीं के छात्र-छात्राओं को ही इसका लाभ मिल सकेगा। विद्यार्थियों को आर्थिक मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की है। ताकि पैसे की तंगी की वजह से कोई भी उच्च शिक्षा से वंचित ना रहे। यह लोन पूरी फीस और पढ़ाई से जुड़े दूसरे खर्चों को पूरा करने के लिए होगा।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क से रैंकिंग लेने वाले संस्थानों के विद्यार्थियों को ही लाभ मिलेगा। राज्य में जयपुर के एमएनआईटी, भारतीय स्किल यूनिवर्सिटी, सुरेश ज्ञानविहार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, मणिपाल यूनिवर्सिटी, वनस्थली विद्यापीठ, जोधपुर के एस और आईआईटी, बिट्स पिलानी, आईआईएम उदयपुर, एमएल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी। इनमें मेडिकल, इंजीनियरिंग, उच्च शिक्षा वाले संस्थान शामिल हैं।
राजस्थान के 27 सरकारी यूनिवर्सिटी सहित 53 निजी यूनिवर्सिटी, 7 डीड यूनिवर्सिटी, 557 सरकारी कॉलेज, 1800 प्राइवेट कॉलेज हैं। इनमें से 11 को छोड़कर अधिकांश के पास एनआईआरएफ रैंकिंग नहीं है। इसके चलते 90 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों को पीएम विद्यालक्ष्मी योजना का फायदा नहीं मिल पाएगा।
7.5 लाख रुपए तक लोन पर छात्रों को बकाया राशि पर 75 प्रतिशत की क्रेडिट गारंटी मिलेगी। इससे बैंकों को इस योजना के तहत शिक्षा लोन देने में मदद मिलेगी। इसके अलावा जिन छात्रों की सालाना पारिवारिक आय 8 लाख रुपए तक है और जो सरकार की अन्य छात्रवृत्ति या ब्याज सब्सिडी के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें 10 लाख रुपए तक के लोन पर मोरेटोरियम अवधि के दौरान 3 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी मिलेगी।
Published on:
09 Nov 2024 02:13 pm
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