रासासिंह रावत केसरगंज स्थित दयानंद स्कूल में शिक्षक और प्राचार्य थे। 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें टिकट दिया। रावत पहली बार सांसद निर्वाचित हुए। उसके बाद उन्होंने दसवीं, ग्यारहवीं, तेरहवीं और 14 वीं लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की।
आर्य समाज से जुड़ाव
रावत का आर्य समाज से गहरा जुड़ाव था। वे अजमेर की विभिन्न शैक्षिक और आर्य समाज की संस्थाओं से जुड़े हुए। रावत एक सहज और सरल स्वभाव के व्यक्ति माने जाते थे। पांच बार सांसद रहने के बावजूद वे कभी जनता से दूर नहीं रहते थे। अक्सर सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और अन्य कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति रहती थी। रावत का निधन भाजपा सहित शहर के लिए क्षति है।
रावत का आर्य समाज से गहरा जुड़ाव था। वे अजमेर की विभिन्न शैक्षिक और आर्य समाज की संस्थाओं से जुड़े हुए। रावत एक सहज और सरल स्वभाव के व्यक्ति माने जाते थे। पांच बार सांसद रहने के बावजूद वे कभी जनता से दूर नहीं रहते थे। अक्सर सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और अन्य कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति रहती थी। रावत का निधन भाजपा सहित शहर के लिए क्षति है।
रासासिंह रावत – पांच बार रहे थे लोकसभा सदस्य 1989 से 91: नवीं लोकसभा
1991 से 96: दसवीं लोकसभा
1996-98: ग्यारहवीं लोकसभा
1999-2004: तेरहवीं लोकसभा
2004 से 2009: 14 वीं लोकसभा