
PTET EXAM 2022
अजमेर. राज्य सरकार ने दो वर्षीय बीएड और चार वर्षीय बीएससी एवं बीए-बीएड परीक्षा-2022 कराने की जिम्मेदारी जोधपुर के जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी को सौंपी है। इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. फिरोज अख्तर ने बताया कि पीटीईटी-2022 के लिए जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर को नोडल एजेंसी बनाया गया है। यूनिवर्सिटी राज्य सरकार के निर्देशानुसार ऑनलाइन फॉर्म, परीक्षा आयोजन, परिणाम जारी करने और काउंसलिंग के जरिए विद्यार्थियों को कॉलेज आवंटन का कार्य करेगी।
ये हैं शहर की प्राचीन धरोहर, कैमरे से नहीं होती निगरानी
अजमेर. सदियों पुरानी पुरामहत्व की धरोहरों की निगरानी स्मार्ट तरीके से नहीं हो रही है। हाइटेक और डिजिटल दौर में भी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने अजमेर और पुष्कर की ऐतिहासिक इमारतों पर सीसीटीवी नहीं लगाए हैं। जबकि कई इमारतें-भवन बेहद सघन इलाकों में हैं। इनमें गाहे-बगाहे आसामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी रहता है।
अजमेर में ये हैं धरोहर
अढ़ाई दिन का झौंपड़ा: दरगाह के अंदरकोट इलाके में 12 सौ वर्ष पूर्व निर्मित प्राचीन संस्कृत पाठशाला को अढ़ाई दिन का झौंपड़ा कहा जाता है। इसके आसपास का इलाका बहुत सघन आबादी, दुकानें बन चुकी हैं।
तारागढ़ किला: अरावली की पहाड़ीपर 1033 ईस्वी में गढ़बीठली (तारागढ़) किला बना है। इसके कई हिस्से नष्ट हो चुके हैं। एक ऐतिहासिक गेट, दीवार और अन्य हिस्से ही सुरक्षित हैं।
बादशाही बिल्डिंग: नया बाजार में बादशाही बिल्डिंग बनी है। मुगलकाल में यह दरबारियों का आवास होता था मराठकाल में यहां कचहरी चलती थी।
अब्दुल्ला का मकबरा: 1710 में अब्दुल्ला खां और उसकी पत्नी का संगरमर का मकबरा बना हुआ है। वह मुगल बादशाहर फुर्रखसियार के हाकिम हुसैन अली खां का पिता था।कोस मीनार: मुगल बादशाह अकबर ने आगरा से अजमेर तक कोस मीनार बनवाई थीं। यह भूणाबाय, जयपुर रोड, एसपी आवास तक बनी हुई हैं।
जहांगीर महल: पुष्कर में बादशाह जहांगीर और उसकी पत्नी नूरजहां ने 16 वीं शताब्दी में महल बनवाया था। यहां वे कई बार रुकते थे।
आनासागर बारादरी: मुगल बादशाह जहांगीर और शाहजहां ने संगमरमर पत्थर से आनासागर बारादरी और उद्यान लगाया। यहां खरीददारी के लिए सहेलियों का बाजार भी बना हुआ है।
Published on:
28 Dec 2021 06:43 pm
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