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रक्तिम तिवारी/अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध बी.एड कॉलेज क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल के गठन की योजना फेल हो चुकी है। ना विश्वविद्यालय ना कॉलेज को इससे सरोकार है। इससे बीएड शिक्षण की गुणवत्ता सुधार का दावा खोखला होता दिख रहा है
बीएड शिक्षण में गुणवत्ता, नवाचार, योग्य शिक्षकों की नियुक्ति और संसाधनों को बेहतर बनाने के लिए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल का गठन करने का फैसला किया था। तत्कालीन कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने विश्वविद्यालय में क्वॉलिटी मॉनिटरिंग सेल का पुनर्गठन भी किया। शिक्षा संकाय के डीन डॉ. नगेंद्र सिंह को और डॉ. अशोक सेवानी को सदस्य सचिव बनाया गया। विश्वविद्यालय ने सभी बीएड कॉलेज को यह गठित करने के निर्देश दिए।
यह थी विवि की योजना
योजना के तहत कॉलेज की सेल का सीधा नियंत्रण कुलपति के पास होगा। कॉलेज के सेल शिक्षण गुणवत्ता, विद्यार्थियों के प्लेसमेंट रिकार्ड, कक्षा में उपस्थिति, शिक्षण सामग्री के इस्तेमाल, ऑडियो-वीडियो से शिक्षण, योग्य शिक्षकों की नियुक्ति, शिक्षकों के वेतन-भत्ते और अन्य रिकॉर्ड रखेगी। कॉलेज को पूर्व विद्यार्थियों की एल्यूमिनी भी बनानी होगी।
कितने कॉलेज में बने सेल?
विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अधिकांश बीएड कॉलेज ने क्वालिटी मॉनिटरिंग सेल का गठन नहीं किया। ना विश्वविद्यालय ने वेबसाइट पर सेल का कार्यक्रम ना ऑनलाइन फार्म जारी किया है। इसके अलावा पिछले दो सत्र से कॉलेज शिक्षकों के आधार कार्ड से सत्यापन की शुरुआत भी नहीं हुई है। दो साल से योजना पर कोई कामकाज नहीं हुआ है। तत्कालीन कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने बीएड कॉलेज की नकेल कसने के लिए सम्बद्धता शिविर जरूर लगवाए थे।
यह आती हैं कॉलेज की सामान्य शिकायतें
-कंप्यूटर लेब में नहीं होते पर्याप्त कंप्यूटर
-लाइब्रेरी में पर्याप्त पुस्तकों का अभाव
-छात्रावास में गुणवत्तापूर्ण भोजन की कमी
-आंतरिक मूल्यांकन अंक भेजने में अनियमितता
Published on:
11 May 2019 07:43 am
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