-निगम की कार्रवाई को लेकर उठे सवाल, कुछ को राहत
अजमेर. हाईकोर्ट की ओर से गठित राजस्थान झील संरक्षण समिति की ओर से जिला प्रशासन से सोमवार को फाइनल रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट में अब एक दिन शेष है ऐसे में निगम की शनिवार की कार्रवाई को भी रिपोर्ट से जोड़कर देखा जा रहा है। कार्रवाई के बाद कुछ सवाल भी खड़े हुए हैं।वैशालीनगर से रीजनल कॉलेज के सामने झील के नो कंस्ट्रक्शन जोन में कई नए निर्माण हुए हैं। इनमें से एक पर तो बुल्डोजर चला दिया मगर इसके आस-पास के अन्य निर्माण भी हैं जिन पर निगम के आला अधिकारियों की कृपा बनी रही। भले ही निगम के अधिकारी हाईकोर्ट के स्थगन आदेश का हवाला देकर बचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इतने दिनों की मोहलत देने व न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए समय भी निगम की लापरवाही व अनदेखी की वजह मानी जा रही है। पूर्व में कुछ कच्चे व पक्के निर्माण हटाने के बाद करीब 10 दिनों तक निगम की चुप्पी के चलते निर्माणकर्ताओं व लोगों को भी बचाव का पर्याप्त समय मिला है।
यहां चौपाटी पर कब्जा, लगाए गमलेरामप्रसाद घाट से जुड़ी चौपाटी व पाथ-वे पर बने रेस्टोरेंट लेक व्यू पर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। यहां पाथ-वे के दोनों छोर पर गमल व फूलों की क्यारियां बनाकर मार्ग को अवरुद्ध कर रखा है, जबकि ऋषि उद्यान के पीेछे पाथ-वे पर जाने का रास्ता भी यहीं से है।
रेस्टोरेंट के निर्माण के दौरान नहीं की कार्रवाईनिगम की टीम ने सीज किए गए आपरी ढाणी रेस्टोरेंट को दोबारा खोले जाने पर शनिवार को छुट्टी के दिन ध्वस्त कर दिया, लेकिन सवाल यह है कि जब लम्बे समय तक इसका निर्माण हुआ और व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हुईं तब तक निगम ने कार्रवाई क्यों नहीं की। संचालक प्रकाश चौधरी का कहना है कि करीब 8 महीने तक निर्माण चला। इस दौरान निगम की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया गया।
नो कंस्ट्रक्शन जोन में एक्शन : एक नजर21 अक्टूबर : फूड लाइसेन्स निलंबित करने की अनुशंसा
28 अक्टूबर: फूड लाइसेन्स निलंबित5 नवम्बर : अस्थायी निर्माणों पर कार्रवाई
10 नवम्बर : समिति ने किया निरीक्षण10 नवम्बर : जिला कलक्टर ने विभिन्न विभागों की समिति बनाई
14 नवम्बर : आनासागर के चारों ओर के निर्माणों का सर्वे शुरू, 496 निर्माण चिन्हित19 नवम्बर : 6 निर्माण सीज, 1 ध्वस्त