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Railway: रेलवे ने बढ़ाई पार्सल स्पेशल ट्रेन की सर्विस

बुकिंग कार्यालय व वाणिज्य विभाग के माध्यम से पार्सल बुक करवा सकते है।

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railway parcel service

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अजमेर. रेलवे ने कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते आवश्यक सामग्री के परिवहन के तहत पार्सस सेवा ट्रेन की अवधि में विस्तार किया है। गाडी संख्या 00951 जयपुर-बीकानेर-जोधपुर-अजमेर.जयपुर पार्सल स्पेशल रेलसेवा की संचालन अवधि 5, 7, 9,11, 13 आर 15 मई की गई है।

गाड़ी संख्या 00952 जयपुर-अजमेर-जोधपुर-बीकानेर.जयपुर पार्सल स्पेशल रेलसेवा की संचालन अवधि 4, 6, 8, 10, 12 और 14 मई तक की गई है। यह दोनों ट्रेन अलवर, रेवाडी, भिवानी, हिसार, सिरसा, हनुमानगढ, सूरतगढ, बीकानेर, जोधपुर, पाली मारवाड,अजमेर तथा किशनगढ स्टेशनों पर ठहराव करेगी।

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पार्सल स्पेशल रेलसेवाओं में 1 वीपीएच व 1 एसएलआर होगा। पार्सल रेलसेवा का सभी लाभ उठा सकते है। पार्सल स्पेशल रेलसेवा में ट्रेडर्स संबंधित स्थान के पार्सल बुकिंग कार्यालय व वाणिज्य विभाग के माध्यम से पार्सल बुक करवा सकते है।


स्टूडेंट्स तक मार्कशीट समय पर पहुंचना होगा चुनौती

अजमेर. लॉकडाउन से सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और विश्वविद्यालयों की परेशानियां कायम हैं। एक तरफ इन्हें बकाया परीक्षाएं करानी हैं। वहीं समय पर परिणाम और विद्यार्थियों तक मार्कशीट पहुंचाना चुनौतीपूर्ण है।

सीबीएसई और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की कई विषयों की परीक्षाएं बकाया हैं। इसी तरह विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज की वार्षिक एवं सेमेस्टर परीक्षाएं अटकी हुई हैं। यह परीक्षाएं केंद्र और राज्य सरकार की अनुमति और लॉकडाउन की स्थिति के अनुरूप कराई जानी हैं।

अहम हैं अंकतालिकाएं
सीबीएसई और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बारहवीं और दसवीं की अंकतालिकाएं विद्यार्थियों के लिए सबसे अहम हैं। खासतौर पर जेईई मेन, जेईई एडवांस, नीट परीक्षा, यूनिवर्सिटी और कॉलेज में दाखिलों के वक्त इनकी आवश्यकता होती है। प्रतिवर्ष सीबीएसई और राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नियमित और प्राइवेट विद्यार्थियों की मार्कशीट बनाने और केंद्रों-स्कूल तक भिजवाने में देरी होती है। लॉकडाउन के चलते इस साल तो जबरदस्त परेशानियां होंगी।

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डिजिटल लॉकर बहुत जरूरी
केंद्र सरकार ने देश के आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, विश्वविद्यालयों, बोर्ड और अन्य संस्थानों को विद्यार्थियों के डिजिटल लॉकर बनाने के लिए कई बार आग्रह किया। इनमें सीबीएसई और चुनिंदा संस्थानों को छोडकऱ अधिकांश में अनुपालना नहीं हुई है। सीबीएसई ने वर्ष 2014 से 2019 तक के लाखों विद्यार्थियों की अंकतालिका-सर्टिफिकेट डिजिटल दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध कराए हैं।

संस्थानों को बनाने होंगे डिजिटल वॉलेट..
डिजिटल वॉलेट में विद्यार्थियों की स्नातक/स्नातकोत्तर और अन्य पाठ्यक्रमों की डिग्री, डिप्लोमा, अंकतालिकाएं, प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज डिजिटल प्रारूप में 24 घंटे ऑनलाइन उपलब्ध रहते हैं। विद्यार्थी-ई-पेमेन्ट या ई-चालान से शुल्क देकर दस्तावेज ले सकते हैं। संस्थानों को कोरोना लॉकडाउन को देखते हुए संस्थानों को डिजिटल वॉलेट और ऑनलाइन अंकतालिका को प्रवेश कार्यों के विकल्प देने जरूरी होंगे।