
पाथ-वे की आड़ लेकर नो-कंस्ट्रक्शन जोन में बढ़ रहे कच्चे निर्माण
आनासागर झील के नो कंस्ट्रक्शन जोन में लगातार कच्चे निर्माण जारी हैं। नए कच्चे निर्माण को ढंकने के लिए भी बांस-बल्लियों पर कहीं कलर किया जा रहा है तो कहीं अभी भी कच्चे निर्माण जारी हैं। नो कंस्ट्रक्शन जोन को सड़क मार्ग से कवर करने के बाद कई रेस्टोरेंट का भीतर ही भीतर विस्तार किया जा रहा है। उधर, ट्रिब्यूनल ने आनासागर झील दायरे के निर्माण ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं।
अजमेर की आनासागर झील के संरक्षण के लिए बनाई झील संरक्षण समिति की रिपोर्ट के बाद अधिकारियों ने झील के चारों ओर नम भूमि (वेटलैंड) व नो कंस्ट्रक्शन एरिया निर्धारित किया। इनमें पक्के निर्माण पर प्रशासन की नजर जरूर रही लेकिन अतिक्रमियों सहित अन्य लोगों ने इन पर कच्चे निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू कर दीं। अब अंदर कच्चे निर्माण को विस्तार दिया जा रहा है। अभी भी बांस-बल्लियां पर रंग-रोगन कर काम को पुराना दिखाने की कोशिश की जा रही है।
कब्जा व व्यावसायिक गतिविधियां
कब्जेधारी, खातेदारी भूमि पर अधिकार पत्र या अन्य आधार पर मौके पर व्यावसायिक गतिविधियां धड्ल्ले से संचालित की जा रही हैं। इनसे होने वाली गंदगी व पानी आदि भी झील में ही जा रहा है। जिससे झील प्रदूषित होने के साथ ही जलीय जीवों की जान पर बनी हुई है।
पाथ-वे से सटाकर टिन शेड से कच्चे निर्माण
लोगों ने पाथ-वे से सटे भाग पर कब्जे शुरू कर दिए जबकि यह वेटलैंड व नो कंस्ट्रक्शन झील का हिस्सा है। नगर निगम की ओर से कुछ पक्के निर्माण पर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने वाली दुकान आदि को सीज कर रखा है।
एनजीटी तीन साल पहले ही दे चुका ध्वस्त करने के आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सुरेन्द्र सिंह शेखावत बनाम सरकार की याचिका पर 13 दिसम्बर 2021 को ही आनासागर के चारों ओर किए निर्माण के ध्वस्तीकरण के आदेश दे चुका है। इसमें पाथ-वे, सेवन वंडर जैसे निर्माण भी जद में आ रहे हैं।
Published on:
16 Mar 2024 11:23 pm
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