20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Retro Pic: यह है राजस्थान की सबसे प्राचीन संस्कृत पाठशाला

अढ़ाई दिन के झौंपड़े के नाम से जाना जाता है। इमारत अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में है। दूरदराज से पर्यटक और जायरीन इसे देखने के लिए अजमेर आते हैं।

2 min read
Google source verification
adahi din ka jhonpda

adahi din ka jhonpda

रक्तिम तिवारी/अजमेर.

11 वीं शताब्दी में चौहान काल में अजमेर में इंद्रकोट (अब अंदरकोट) में विग्रहराज-4 (बीसलदेव)संस्कृत पाठशाला स्थापित की गई। यह इमारत अपनी स्थापत्य कला और वैभव के चलते पूरे देश में मशहूर है। इसके प्रत्येक स्तम्भ अलंकृत शैली में है।

प्रत्येक कोने में चक्राकार एवं बांसुरी के आकार की मीनारें बनी हुई हैं। इसे अब अढ़ाई दिन के झौंपड़े के नाम से जाना जाता है। इमारत अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षण में है। दूरदराज से पर्यटक और जायरीन इसे देखने के लिए अजमेर आते हैं।

बन सकता है और बेहतर
अढ़ाई दिन के झौंपड़े के आसपास कई अतिक्रमण हो चुके हैं। यहां तक पहुंचने वाले मार्ग पर कई अस्थाई दुकानें बनी हुई हैं। सरकार और प्रशासन इन्हें हटवाने की कोशिश नहीं करता। जबकि यह बेहतरीन पर्यटक स्थल बन सकता है।

आरएएस 2018: आरपीएससी करेगा हाईकोर्ट डबल बैंच में अपील

अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने आरएएस-2018 परीक्षा के तहत तहत पदों के न्यूनतम अहर्ता अंक तय करने और दो गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के आदेश दिए है। हालांकि आयोग ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर करने का फैसला किया है। उधर आरएएस-2018 के संशोधित परिणाम जारी करने के आदेशों के चलते अध्यक्ष, सदस्यों और अधिकारियों ने चर्चा की। तकनीकी पहलुओं के अध्ययन के बाद ही आयोग कोई फैसला लेगा।

आरएएस भर्ती परीक्षा-2018 की मुख्य परीक्षा के घोषित परिणाम को प्रेम सिंह राठौड़ व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकर्ताओं का कहना था कि इस परिणाम में आयोग ने डिपार्टमेंटल कैटेगरी के 78 व एक्स सर्विसमैन कैटेगरी के 19 ऐेसे अभ्यार्थियों को साक्षात्कार के लिए उत्तीर्ण घोषित कर दिया जो संबंधित कैटेगरी में नियमानुसार नहीं आते थे। ऐसे 97 अभ्यार्थियों का चयन गलत होने के कारण सामान्य संवर्ग के अभ्यार्थियों को साक्षात्कार प्रक्रिया से बाहर रहना पड़ा। इसी मुख्य परीक्षा में दो गुणा अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने पदों के न्यूनतम अर्हता अंक तय करने और दो गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के आदेश दिए हैं।