आरपीएससी अध्यक्ष पंवार ने दिया डिजीटलाइजेशन पर जोर। दो साल में कई नवाचार कर देश में आरपीएससी को अन्य आयोग से बनाया अग्रणीय।
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने गत दो वर्षों में डिजीटलाइजेशन व ऑनलाइन परीक्षा करवाकर देश में अपनी पहचान बढ़ाई है। भविष्य में आयोग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में डिजीटल प्रयोग करेगा। कुछ परीक्षाएं एेसी होंगी जिसमें परीक्षा के फौरन बाद परिणाम निकाला जा सकेगा।
साथ ही वन टाइम रजिस्ट्रेशन और वन टाइम वेरीफिकेशन को बढ़ावा दिया जाएगा। आयोग ने देश में पहली बार ऑन स्क्रीन मार्किंग व टाइप टेस्ट की कॉपी का कम्प्यूटर से मूल्यांकन करने का अभिनव प्रयोग किया। वहीं सर्वाधिक 140 परीक्षाएं ऑनलाइन कर राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया।
आयोग अध्यक्ष डॉ. ललित के. पंवार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि अगस्त 2015 से अब तक आयोजित सभी परीक्षाएं बिना किसी व्यवधान के निर्धारित कार्यक्रम पर हुई। साथ ही किसी भी परीक्षा का पर्चा आउट नहीं हुआ। पेपर लीक या परीक्षा स्थगित करने की एक भी घटना नहीं हुई। नकल के इक्का-दुक्का मामलों को मौके पर ही कार्रवाई कर पकड़ा। उन्होंने बताया कि आयोग के नवाचारों से प्रभावित होकर बिहार, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, तमिलनाडु, त्रिपुरा व मध्य प्रदेश लोक सेवा के अध्यक्ष व सदस्य यहां कार्य प्रणाली समझने आए। पंवार ने कसौटी राजस्थान का प्रकाशन भी किया। पंवार का 10 जुलाई को कार्यकाल पूर्ण होगा। पंवार ने इसका श्रेय आयोग के सचिव गिरीराज सिंह कुशवाहा, उपसचिव भगवत सिंह राठौड़, आईटी हैड अखिलेश मित्तल सहित पूरी टीम को दिया है।
43 हजार 824 पदों के लिए अभ्यर्थियों का चयन
डॉ. पंवार ने बताया कि अगस्त 2015 से अब तक आयोग ने 43 हजार 824 पदों के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया गया। आने वाले कुछ माह में 2024 अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया भी पूर्ण होगी। आयोग ने इस अवधि में 864 को विभागीय पदोन्नति व समीक्षात्मक डीपीसी की बैठकों में 61 हजार 300 अधिकारियों को पदोन्नति दी।
अगस्त तक 20 हजार से अधिक शिक्षक मिल सकेंगे
आयोग ने वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा-सेकंड ग्रेड 2016 का ऑफलाइन पद्वति से बड़ी परीक्षा का आयोजन हाल ही में किया। इसमें 8 लाख 80 हजार अभ्यर्थी पंजीकृत थे। स्कूल व्याख्याता परीक्षा के तहत 27 विषयों में करीब 13 हजार चयन कर शिक्षा विभाग को नाम भेजे। इसमें से 12556 ने कार्यभार ग्रहण भी कर लिया है। 15 अगस्त 2017 तक साढ़े नौ हजार वरिष्ठ अध्यापक शिक्षा विभाग को मिल जाएंगे। कॉलेज व्याख्याताओं का चयन भी जारी है।
आरएएस प्री परिणाम 17 दिन में निकाला
आरएएस 2013 की परीक्षाओं की कॉपियों की जांच पहली बार ऑनलाइन स्क्रीनिंग मार्र्किंग प्रणाली से की गई। आरएएस 2017 की प्री परीक्षा का परिणाम मात्र 17 दिन में निकालकर आयोग ने कीर्तिमान बनाया।
वन टाइम रजिस्ट्रेशन को सैद्धांतिक मंजूरी
अध्यक्ष पंवार ने बताया कि आयोग में जल्द ही वन टाइम रजिस्ट्रेशन व वन टाइम वेरिफिकेशन ऑफ डॉक्यूमेंट प्रणाली शुरू होगी। सरकार ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इससे किसी भी परीक्षा के लिए आवेदन करने पर उसका पंजीकरण हो जाएगा। इसके बाद अगली परीक्षाओं के लिए उसे दस्तावेजों का सत्यापन कराने की जरुरत नहीं रह जाएगी।