
rape
मनीष कुमार सिंह
अजमेर.
दरकते रिश्तों में आधी आबादी मानी जाने वाली महिला पर समाज में आसपास रहने वाले नाते-रिश्तेदार, पहचान वालों ने ही सितम ढहाए हैं। इसमें मासूम बालिकाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आंकड़ों के हिसाब से जिले में बीते तीन माह में 23 नाबालिग लड़कियों को यौन उत्पीडऩ का शिकार होना पड़ा है। वहीं इतनी ही महिलाएं हैं जो किसी न किसी रूप में अपनों के शोषण का शिकार हुईं।
बीते कुछ वर्ष में लगातार बलात्कार की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है। महिलाओं और नाबालिग लड़कियों से बलात्कार व बलात्कार के प्रयास के अधिकांश मामलों में ज्यादातर आरोपी पीडि़ताओं के इर्दगिर्द ही मौजूद रहता है। बालिकाओं से संबंधित जुड़े अपराध में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी सरकार, समाज और पुलिस के लिए चिंता का कारण है। हालांकि पुलिस बढ़ते ऐसे अपराध की रोकने में नाकाम साबित हुई है लेकिन अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोडऩे का दावा रही है।
मासूमों पर बढ़ा सितम
लैंगिक उत्पीडऩ से बच्चों के संरक्षण अधिनियम 2012 (पोक्सो एक्ट) लागू होने के बाद अजमेर जिले में नाबालिग लड़कियों के साथ होने वाले अत्याचार में बढ़ोतरी हुई है। जहां साल 2012 में जिले में एक मुकदमा दर्ज हुआ। वहीं 2013 में यह बढकऱ 64 पहुंच गए। इसी तरह साल-दर-साल इन प्रकरणों में बढ़ोतरी हो रही है। वर्ष 2017 में नाबालिग के अपहरण, छेड़छाड़ व बलात्कार के 82 मामले सामने आए। इसी तरह 2018 में 78 मासूम शिकार हुई। 2019 के शुरूआती 3 माह में यह आंकड़ा 23 तक पहुंच चुका है।
यह है वजह
जानकारों के मुताबिक वर्तमान में आमजन को इंटरनेट व अन्य माध्यम पर इतना सब कुछ पॉर्न साइट्स पर आसानी से उपलब्ध है। इससे अनवॉन्टेड एक्साइटमेंट होना स्वभाविक है। समाज में बड़ी संख्या में ऐसे लोग मौजूद है जो इस तरह की साइट नियमित देखते हैं जो कभी न कभी अपने आसपास ही अपराध कारित करते हैं। ऐसे लोग हमेशा अपने आसपास अबोध बच्चों को शिकार बनाते हैं।
वर्ष बलात्कार पोक्सो
2017 111 78
2018 156 82
2019 50 23 (आंकड़े मार्च 2019 तक)
नोट-पोक्सो एक्ट में नाबालिग का अपहरण, बलात्कार, छेड़छाड़ से जुड़े मामले शामिल हैं। आंकड़े पुलिस विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार
पुलिस ऐसे अपराध को होने से नहीं रोक सकती है। आसपास रहने वाले ही ऐसे अपराध कारित करते है। मासूमों के साथ होने वाला अपराध समाज को हिला देने वाला होता है। पुलिस मासूम के साथ होने वाले अपराध में आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाती है। ताकि अपराधी को मिलने वाली सजा समाज के नजीर बन सके।
-कुंवर राष्ट्रदीप, पुलिस अधीक्षक
Published on:
24 Apr 2019 03:30 am
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