
प्रधानमंत्री (Prime Ministe)के गृह राज्य से अजमेर में प्लास्टिक कैरीबैग की सप्लाई!
चंद्रप्रकाश जोशी
अजमेर (Ajmer). प्रधानमंत्री (Prime Ministe)नरेन्द्र मोदी ने सिंगल यूज प्लास्टिक (Plastic)को खत्म करने की मुहिम शुरू कर दी लेकिन अजमेर में इसका कोई असर नजर नहीं आता। यहां तक कि प्रधानमंत्री के ही गृहराज्य गुजरात से ही अजमेर में इनकी सप्लाई हो रही है। खास बात यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी शुरू होने से पहले सुबह-सुबह ही शहर में प्लास्टिक(Plastic) कैरीबैग की सप्लाई हो जाती है। अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगती। यही कारण है कि शहर की कई दुकानों में प्लास्टिक कैरीबैग व थैलियों की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है।
यहां बिक रही हैं प्लास्टिक थैलियां
अजमेर शहर में मदारगेट, पड़ाव, पुरानी मंडी, केसरंगज, वैशालीनगर, रामगंज, नगरा, श्रीनगर रोड सहित अन्य क्षेत्रों में डिस्पोजल एवं प्लास्टिक के सामान बेचने वाली दुकानों से भी प्लास्टिक कैरीबैग व प्रतिबंधित माइक्रोन की थैलियों की बिक्री हो रही है। नगर निगम एवं प्रशासन की ओर से कई महीनों से शहर में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
ऑनलाइन मार्केट (Online Marcket)
स्थानीय होलसेल दुकानदारों के अनुसार प्लास्टिक(Plastic) के सामान व कैरीबैग आदि की सप्लाई गुजरात से हो रही है। इसके लिए ऑनलाइन मार्केट चल रहा है। ऑनलाइन बुकिंग के साथ ऑनलाइन पेमेंट के साथ ही रात्रि में ट्रांसपोर्ट से माल गोदामों एवं दुकानों में पहुंच जाता है।
अजमेर में प्रतिदिन खपत
10,000 कैरीबैग की सप्लाई सब्जी की दुकानों पर
5000 कैरीबैग फल विक्रेता दुकान/हाथ ठेलों पर
5000 कैरीबैग डेयरी बूथ/दुकानों पर
12,000 कैरीबैग व प्लास्टिक की थैली किराणा दुकानों पर
ऐसे पहुंचती हैं थैलियां
दुपहिया वाहन : सुभाषनगर फल व सब्जी मंडी में, आगरा गेट मंडी, केसरगंज, पड़ाव में कुछ सप्लायर 50 एवं 100 कैरीबैग के पैकेट प्रतिदिन सप्लाई करते हैं।
दुकानों से सप्लायर : पड़ाव, मदारगेट केसरगंज क्षेत्र में कुछ दुकानों से ये सप्लायर माल खरीदते हैं और पैकेट की डिमांड अनुसार घरों/गोदामों में सप्लाई करते हैं।
फैक्ट्रियां संचालित : शहर के माखुपुरा/परबतपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में दो फैक्ट्रियां संचालित हैं। यहां से भी माल का उत्पादन होना बताया जा रहा है। दो फैक्ट्रियां चिह्नित हैं मगर कुछ और चोरी छुपे माल का उत्पादन कर रहे हैं।
यह हो रहा नुकसान
-सब्जी व कचरा थैलियों में डालने से गायें खा जाती हैं, गायों की मौतें हो रही हैं।
-कैरीबैग व प्लास्टिक की थैलियां भूमि को अनुपजाऊ कर रही हैं।
-प्रदूषण बढ़ रहा है।
-कैरी बैग व प्लास्टिक थैलियों में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता हो रही खत्म
असमंजस बरकरार
वन टाइम यूज प्लास्टिक पर सरकार की ओर से प्रतिबंध को लेकर दुकानदार, व्यापारी असमंजस में है। पूर्व में 51 माइक्रोन की कैरीबैग पर प्रतिबंध लगा था। अव वन टाइम यूज प्लास्टिक के दायरे में कौन-कौन सा प्लास्टिक व थैलियां आएगी, इसे लेकर असमंजस है।
निगम की ओर से जब्ती और कार्रवाई
80 किग्रा- कैरीबैग 17 दिसम्बर 2108 से 12 सितम्बर 2019 तक
एक टन 381 किग्रा- कैरीबैग सीमेन्ट फैक्ट्री में भिजवाई।
इनका कहना है
निगम की ओर से प्लास्टिक कैरीबैग जब्त करने की कर्रवाई करवाई जाती है। जो प्लास्टिक कैरीबैग का उत्पाद कर रहा है उस पर रोक लगानी जरूरी है। रिटेलर, दुकानों पर कर्रवाई का आउटपुट नहीं मिल रहा है। जो फैक्ट्रियां संचालित हैं वे नगर निगम क्षेत्र से बाहर है। जिला कलक्टर से भी आग्रह किया है कि फैक्ट्री में उत्पादन रोकने की कर्रवाई करवाई जाए।
-धर्मेन्द्र गहलोत, महापौर नगर निगम
प्लास्टिक का उपयोग रोकने के लिए जनजागरण, वैकल्पिक व्यवस्था एवं कानूनी प्रक्रिया के माध्यम अपनाना आवश्यक है। स्कूलों, सरकारी दफ्तरों से शुरुआत की जा सकती है। पानी की बोतलों के रिसाइकिलिंग की व्यवस्था या फिर सरकारी स्तर पर इन्हें खरीदने की व्यवस्था होनी चाहिए। -वासुदेव देवनानी, विधायक उत्तर अजमेर
Published on:
13 Sept 2019 11:16 pm
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