पूर्व में हुई घटनाओं का कराएं अध्ययन मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूर्व में पक्षियों की एकाएक मौत की घटनाओं तथा उन्हें रोकने के लिए किए गए उपायों का अध्ययन एवं विश्लेषण कराएं। जिसके आधार पर भविष्य में ऐसी घटनाओं को प्रभावी रूप से रोका जा सके।
ैएसडीआरएफ,पशुपालन,वन विभाग एवं स्वयंसेवकों की टीम जुटी पशुपालन विभाग के 100 चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों की 20 टीमें पक्षियों को बचाने के लिए जयपुर जिले के सांभर झील क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। साथ ही मृत पक्षियों का वैज्ञानिक निस्तारण किया जा रहा है। करीब 600 पक्षियों को रेस्क्यू कर उन्हें उपचार दिया गया है।
रूपनगढ़ क्षेत्र में करवाया सर्वे Survey
रूपनगढ़ क्षेत्र में करवाया सर्वे Survey
सांभर झील क्षेत्र में हजारों पक्षियों की मौत होने के बाद Ajmer अजमेर जिला प्रशासन एहतियात बरतते हुए सांभर झील से रूपनगढ़ तहसील के villages गावों में सर्वे करवाया है। जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि सांभर झील से लगते अजमेर की रूपनगढ़ तहसील के गांव सिनोदिया,आऊ तथा झाग गांव की करीब आधा किलीमीटर क्षेत्र में में सर्वे करवाया है। सर्वे में सामने आया कि झील सीमा से लगे इन गावों में कहीं भी किसी प्रकार का पानी भरा हुआ नहीं है। न ही कहीं भी कोई पक्षी आदि मृत पाया गया है। रूपनगढ़ तहसील के इन गावों में सांभर साल्ट के नाम से कोई राजस्व भूमि रेकार्ड में दर्ज नहीं है। रूपनगढ़ तहसील के इन गावों में सीमा पर अधिकांश खातेदारी/औद्योगिक भूमि है। वीसी में संभागीय आयुक्त,एल.एन.मीना,एडीएम कैलाश चंद शर्मा, उप वन संरक्षक सुदीप कौर सहित पर्यावरण,उद्योग एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।