मीरशाह अली कॉलोनी ई-9 निवासी शैलेन्द्र मेड़तिया ने बताया कि उसे 9 अक्टूबर को कॉल आया। कॉलर ने उसे खाते में बीस हजार रुपए डालने की बात कही। आवाज से उसका मित्र प्रतीत हुआ तो उसने उससे ज्यादा पूछताछ नहीं की। उसने अपने मित्र प्रणय के नम्बर दे दिए। कॉलर ने उसको कॉल कर उसका पेटीएम नम्बर ले लिया। पेटीएम पर क्यूआर कोड आए, जिसे कॉलर ने रिसीव करने की बात कही तो उसके मित्र प्रणय ने उसके कहने पर रिसीव कर दिए। तभी प्रणय के मोबाइल पर खाते से पांच मर्तबा में 20-20 हजार रुपए निकलने के मैसेज आए। खाते से रकम निकासी का उसको पता चला वह सिविल लाइंस थाने पहुंचा। पुलिस ने उसकी शिकायत पर मामला दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।
क्यूआर कोड से निकली रकम
मेड़तिया ने बताया कि प्रणय जयपुर निवासी है। अजमेर में जॉब करता है। उसके कहने पर प्रणय ने पेटीएम नम्बर दिए और उसके मोबाइल पर आए क्यूआर कोड को डाउन लोड कर लिया। इसके बाद उसके खाते से कुल एक लाख रुपए ट्रांसफर हो गए। गौरतलब है कि टटलू काट गिरोह हरियाणा के नूह, राजस्थान के अलवर व भरतपुर जिले में सक्रिय है।
पत्रिका ने चेताया
पत्रिका ने टटलू काट गिरोह के ऑन लाइन ठगी की बढ़ती वारदातों के लिए पूर्व में भी चेताया था। गिरोह लगातार लोगों को बातों में फांस कर नित नए पैंतरे अपनाकर ऑन लाइन ठगी का शिकार बना रहा है। ठग अजमेर में रोजाना एक-दो लोगों को शिकार बनाते हैं।