उन्होंने बंदियों की बैरक का निरीक्षण करते हुए राज्य के जेल महानिदेशक एन.आर.के रेड्डी समेत आलाधिकारियों से जेल के आधारभूत ढांचे में बदलाव और बंदियों के लिए भविष्य में किए जाने वाले नवाचार पर चर्चा की। दिल्ली की तिहाड़ जेल डीजी संदीप गोयल भी निरीक्षण के दौरान साथ रहे।
डीजी जेल रेड्डी ने बताया कि रॉय पहले जयपुर सेन्ट्रल जेल, ओपन जेल और फिर अजमेर की सेन्ट्रल जेल का निरीक्षण करने पहुंचे। डॉ. राय ने जेल परिसर व बंदियों के बैरक का निरीक्षण कर यहां किए जाने वाले सुधार पर जेल अधिकारियों से चर्चा की।
उन्होंने यहां रखे जाने वाले कैदियों को भविष्य में समाज से जोडऩे, कैदियों को भविष्य में जेल में कौन-कौन से रोजगार व व्यवसाय से जोड़ा जा सकता है। उनकी जेल में संभावनाएं तलाशने पर चर्चा गई। निरीक्षण में महानिरीक्षक(जेल) विक्रमसिंह, विकासकुमार, अजमेर सेन्ट्रल जेल अधीक्षक नरेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे।
क्यों है अजमेर सेंट्रल जेल खास अजमेर सेंट्रल जेल का निर्माण ब्रिटिश काल में किया गया था। आजादी के बाद भी राजस्थान में श्रीगंगानर में हुए जल आंदोलन(घड़साना) जैसे प्रमुख आंदोलन, पंजाब के खालिस्तान समर्थित उग्रवादियों, एयर इंडिया विमान अपहरर्ताओं, सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी सैयद अब्दुल करीम टुंडा, समेत कई कुख्यात अपराधियों को रखा गया था। यह जेल अपनी बाहरी व आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से सुरक्षित मानी जाती रही है। पूर्व में इसकी सुरक्षा सीआरपीएफ की टुकड़ी के जिम्मे था।
जेल में भी होता है कौशल विकास अजमेर सेन्ट्रल जेल में कैदियों को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए कई व्यवसायिक उत्पाद बनाए जाते है। इसमें दरियां, लकड़ी का फर्नीचर, मुड्ढे, मोमबत्ती और मौजूदा स्थिति में कूलर जैसे उत्पाद बनाए जाते थे। जिसे पुन: स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। साथ में ऑन स्कूल, दूरस्थ शिक्षा प्रोग्राम से कैदियों को शिक्षा से भी जोड़ा जाता रहा है।
डॉ राय ने की दरगाह जियारत : पूर्व चीफ जस्टिस डॉ. राय, डीजी तिहाड़ गोयल, डीजी जेल राजस्थान एन.आर.के. रेड्डी, आईजी विक्रमसिंह, विकास कुमार ने दरगाह जियारत की। अमिताभ रॉय ने जयपुर रोड पर घूघरा स्थित कारागार प्रशिक्षण संस्थान में जेल प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जेल का मतलब ही सुधारात्मक प्रशासन है। कारागृह में कैदियों के प्रति मानवीय संवेदना रखते हुए जेल प्रहरी अपने कत्र्र्तव्यों का पालन करें। कैदियों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए प्रशिक्षण में जेलकार्मिकों को सुधारात्मक प्रशासन की अधिक से अधिक जानकारी दी जाए। जेल में सुधार संबंधी नवाचार किए जाएं।
संस्थान का किया निरीक्षण संस्थान के प्राचार्य पारस जांगिड़ ने बताया कि पूर्व जस्टिस रॉय ने संस्थान का निरीक्षण किया। उन्हें संस्थान के बारे में प्रजेंटेशन दिया तथा सम्पूर्ण संस्थान में भ्रमण कराया गया। न्यायाधीश रॉय ने ई-प्रिजंस लैब, स्मार्ट क्लास रूम, विशाल जिम्नेजिअम, प्रशिक्षु हॉस्टल, परेड ग्राउण्ड, खेल मैदान तथा लाइब्रेरी का अवलोकन किया। न्यायाधीश रॉय के साथ पुलिस महानिदेशक(जेल) एनआरके रेड्डी, दिल्ली तिहाड़ जेल के पुलिस महानिदेशक (जेल) संदीप गोयल, जेल महानिरीक्षक विक्रमसिंह, उप महानिरीक्षक विकास कुमार भी रहे।
रॉय को मुख्य प्रहरी राजेश मीणा के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। संस्थान परिसर में न्यायाधीश रॉय द्वारा एक पौधा रोपा गया।
नवाचारों की सराहना न्यायाधीश रॉय ने कारागार प्रशिक्षण संस्थान में चल रहे नवाचारों की सराहना की। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र सिंह, वरिष्ठ जेलर नरेन्द्र स्वामी, पीटीआई सरदार सिंह, सहायक लेखाधिकारी राकेश उतरेजा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी अशोक कुमार जेतमाल, डिप्टी जेलर सूरज सोनी, अभिषेक ओला, हिना खान तथा समस्त सहायक प्रशिक्षक उपस्थित रहे।