दरगाह नाजिम शकील अहमद ने पत्र में लिखा है कि दरगाह शरीफ स्थित शाहजहानीं मस्जिद में जुमे की नमाज अदा की जाती है। इसका समय वर्तमान में दोपहर 1.35 बजे खुदबे के साथ प्रारम्भ होता है। इसके लिए दोपहर 12 बजे से ही नमाजी बैठना शुरू हो जाते हैं। इससे दरगाह के गेटों पर जाम लगना शुरू हो जाता है। शाहजहानीं मस्जिद में नमाज खत्म होते ही नमाजी बाहर निकलते हैं। इसी दौरान अकबरी मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए जायरीन दरगाह में प्रवेश करते हैं। लगभग दोपहर ढाई बजे अकबरी मस्जिद में नमाज खत्म होती है। इसके बाद जायरीन का निकलना शुरू होता है, जिससे भीड़ हो जाती है तथा जो जायरीन जियारत के लिए जाना चाहते हैं वे पहुंच नहीं पाते। इसके बाद दोपहर 3 बजे खिदमत का समय होने की वजह से आस्ताना शरीफ मामुल हो जाता है। जिसकी वजह से 4 बजे तक जायरीन जियारत नहीं कर पाते हैं। इन सभी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए शाहजहानीं मस्जिद में होने वाली जुमे की नमाज का समय आपसी सहमति से परिवर्तित किया जाना चाहिए।
नाजिम ने दोनों अंजुमन के सचिव, शाहर काजी मौलाना तौसिफ अहमद सिद्दीकी, अकबरी मस्जिद के इमाम हाफिज गफूर, मस्जिद संदली के इमाम मौलाना रमजान को पत्र लिखा है। इनका कहना है…जायरीन की सहूलियत के लिए नमाज के समय में परिवर्तन किया जा सकता है। दरगाह नाजिम के साथ बैठक करने के बाद आपसी सहमति से ही इस पर निर्णय किया जाएगा। – वाहिद अंगारा शाह, अंजुमन सचिव