
राजपूत समाज संस्कारित समाज है, शिक्षित समाज है। आगे बढऩे के लिए अब शिक्षा को घर-घर तक पहुंचाने तथा प्रतिभाओं का निखारने का काम हमें करना है। इसके लिए समाज की ओर से विश्वविद्यालय भी बनाए जाने चाहिए। यह विचार पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने रविवार को पटेल मैदान में आयोजित राजपूत स्वावलंबन सम्मेलन में व्यक्त किए।
बदनौर ने कहा कि जोधपुर में राजपूत समाज की ओर से विवि खोले जाने की शुरुआत की जा चुकी है। शहरों में कैरियर निखारने के संबंध में कार्य होना चाहिए। समाज की नई पीढ़ी को शिक्षा एवं कैरियर से जोडऩे की जरूरत है।
राजपूत विकास परिषद संस्थान की पहली वर्षगांठ तथा रुक्मण बालिका छात्रावास के लोकार्पण के मौके पर राज्यपाल ने राजस्थान, पंजाब, यूपी, हरियाणा, उड़ीसा तथा दक्षिण के राज्यों के राजपूतों के इतिहास पर प्रकाश डाला तथा कहा कि प्रताप जयंती पंजाब में राज्य स्तर पर 15 दिन तक मनाई जाती है। यहां भी इसी तरह मनाई जाए।
बदनौर ने प्रधानमंत्री की योजनाओं की सराहना भी की। कार्यक्रम में 14 राजपूत शहीद परिवारों को चेक भेंट कर और हाल ही में चयनित हुए समाज के 53 आरएएस अफसरों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इससे पूर्व बदनौर ने रूक्मण बालिका छात्रावास का उद्घाटन किया।
अब नवनिर्माण का समय
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम तथा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब समय तलवार का नहीं कलम का है। पहले तलवार भेंट की जाती थी अब कलम भेंट करने का समय है। शिक्षा और मातृ शक्ति से ही आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अब समाज का नव निर्माण करना है ताकि पीढि़यां हमें याद करें।
जमीन तय करती है...
सपा नेता तथा सांसद अमर सिंह ने कहा कि जमीन तय करती है कौन ऊपर जाएगा और कौन नीचे। उन्होंने कहा कि भविष्य की ओर देखना होगा, वर्तमान में जीना होगा। हम सरकार पर निर्भर नहीं है। हमंे बाहुबली नहीं, बुद्धिबली बनना होगा। तलवार का रूप स्वरूप बदल गया है। इसका रूप ज्ञान विज्ञान ने ले लिया है।
गला न कटाएं इसे संभाल कर रखें। अमर सिंह ने बदनौर व दिग्विजय के साथ अपने कुछ वाकिए भी सुनाए। उन्होंने जयाप्रदा को अपना सुख-दुख का साथी बताया।
आशीर्वादलेने आई हूं
कार्यक्रम में शामिल हुई अभिनेत्री तथा पूर्व सांसद जयाप्रदा ने कहा कि क्षत्रिय मातृशक्ति का आशीर्वाद लेने के लिए वे अजमेर आई हैं। समाज में महिला एवं पुरुष बराबर हैं। उन्होंने 33 फीसदी महिला आरक्षण का मुद्दा भी उठाया।
राजपूत नहीं रज पूत बनना होगा
पंचायत राज मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि समय की धारा बदली है। अब राजा रानी के पेट से नहीं, मतपेटी से पैदा होता है। हमें मिट्टी के पुत्र की भूमिका निभानी होगी। अब राजपूत नहीं रज पूत बनाना पड़ेगा। जमाना उसे याद करता है जो समाज के लिए कुछ करता है।
कोई साथ नहीं देता
राम स्नेही सम्प्रदाय के समताराम महाराज ने कहा कि सरकार में समाज के 23 विधायक हैं। हम शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में बढ़ावा चाहते हैं। हाथ वाला और फूल वाला, कोई भी हो रोजगार नहीं देता। समाज को ताकत दिखानी होगी। फिर से राणा प्रताप व झांसी की रानी विवेकानन्द पैदा करना होगा। भविष्य सुधारने के लिए युवा आगे आएं और शिक्षित बनकर प्रतिभा के रूप में समाज का नाम रोशन करें।
यही समय है निर्णय लेने का
विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह ने कहा कि समय है निर्णय लेने का। उन्होंने अपने अंदाज में सबका अभिनन्दन किया। दिग्विजय सिंह ने उनकी पीठ थपथपाई। सिंह ने कहा कि समाज की अग्रिम पंक्ति में कई प्रतिभाएं हैं, ऐसी ही प्रतिभाएं और आगे आएं, इसका प्रयास समाज को करना है।
मंत्री ने मांगी माफी
राम स्नेही सम्प्रदाय के समताराम महाराज ने समाज के एक कार्यक्रम में मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ के नहीं आने पर नाराजगी जताई। इस पर राठौड़ ने मंच पर कान पकड़ कर माफी मांगी।
प्रदेश में 3 छात्रावास और बनेंगे
अजमेर में बने रुक्मा देवी बालिका छात्रावास के बाद प्रदेश में 1 छात्र छात्रावास तथा 2 महिला छात्रावास और बनाए जाएंगे। इस संबंध में राजपूत विकास परिषद के संस्थापक सदस्य मेघराज सिंह रायल की ओर से घोषणा की गई। छात्रावास में 14 वातानुकूलित कमरे बनाए गए है। छात्रावास का निर्माण करीब 2 करोड़ की लागत से हुआ है।
एक मंच पर आए
सम्मेलन में पार्टियों की विचारधाराओं से हटकर भाजपा, कांग्रेस, सपा, बसपा सहित अन्य दलों को नेता तथा कार्यकर्ता शामिल हुए तथा एक जाजम पर आए। पहली बार बड़ी संख्या में राजपूत समाज की महिलाओं ने सार्वजनिक मंच पर हजारों की संख्या में उपस्थिति दर्ज करवाई। मारवाड़ राजपूत जागरण मंच के संयोजक गोपाल सिंह भलासरिया करीब 500 समर्थकों को लेकर कार्यक्रम में शामिल हुए।
सरकार में राजपूत समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं
भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री नरपत सिंह राजवी ने कहा कि सरकार में राजपूत समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए लेकिन उनकी नजर में अभी नहीं मिला है। प्रदेश में यह संकेत जा रहा है कि सरकार राजपूत, बनिए और ब्राह्मणों के खिलाफ है।
रविवार को राजपूत समाज के स्वावलंबन सम्मेलन में अजमेर आए राजवी ने सर्किट हाउस में पत्रिका से बातचीत में कहा कि जाति के आधार पर प्रतिनिधित्व की व्यवस्था के तो वे खिलाफ हैं। लेकिन सरकार में राजपूत समाज को उचित प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए जो अभी नहीं है।
डेमेज कंट्रोल रोकने के लिए मंत्रीमंडल विस्तार के सवाल पर राजवी ने कहा कि डेमेज तो पहले से ही हो गया। अब तक सभी जगह संकेत यह जा रहा है कि सरकार ब्राह्मण, वैश्य और राजपूत के खिलाफ है। कुछ हद तक यह सही भी लगता है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक गणना अलग अलग हो सकती है। उनका कहना है कि मंत्रीमंडल में बहुत ज्यादा सुधार की गुंजाइश नहीं थी। लेकिन सरकार की वर्र्किंग टीम योग्य नहीं हो, चापलुसों की फौज खड़ी करनी हो तो आधी दुनिया तो वैसे ही चापलूस है।
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