
आपणो जिलो केकड़ी
नए साल के सूर्योदय से पहले ही विकास के नए स्वरूप में निखर कर सामने आने को तत्पर केकड़ी को जिला बनाए रखने की उम्मीदों का सूरज शनिवार को अस्त हो गया। जिला बनने के 21 महीने बाद भाजपा की भजनलाल सरकार ने केकड़ी का जिले का अधिकार निरस्त कर दिया। इससे केकड़ी क्षेत्र के लोगों को मायूसी हाथ लगी। चुनावी साल में कई मजबूत आधारों के साथ केकड़ी को जिला बनाने की मुहिम ने मूर्त रूप लिया था।
प्रशासनिक और पुलिस का ढांचा, शिक्षण संस्थाओं का स्तर समेत विभिन्न इकाइयों की स्थापना जिले की संरचना तैयार होने से पहले केकड़ी में हो गई थी। इन इकाइयों में सबसे प्रमुख तीन पंचायत समिति केकड़ी, सरवाड़, सावर और तीन उपखंड के रूप में केकड़ी, सरवाड़, सावर, वहीं जिला मुख्यालय पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला परिवहन अधिकारी कार्यालय, एडीएम कोर्ट, केकड़ी, सरवाड़, सावर में महाविद्यालय, केकड़ीसरवाड़ और सावर में बीसीएमओ, मुख्य शिक्षा अधिकारी, केकड़ी में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग अधिशासी अभियंता, विद्युत निगम अधिशासी अभियंता, जिला अस्पताल, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय केकड़ी, सरवाड़, सावर, होम्योपैथिक कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, एग्रीकल्चर कॉलेज, राजकीय काॅलेजकादेडा की व्यवस्थाएं जिले की झांकी बनाने के लिए तैयार हो चुकी थीं। जिला बनने के साथ इन सभी इकाईयों में विस्तार हुआ। डिस्टिकमिनिरल फंड में केकड़ी से 10 करोड़ से अधिक का राजस्व जमा होता है। इन सभी मजबूत आधारों के साथ अजमेर जिला मुख्यालय से केकड़ी के अंतिम छोर पर मौजूद गांव की दूरी करीब सवा सौ किलोमीटर है। इसे देखते हुए केकड़ी को जिला बनाने का दावा मजबूत हुआ।
पिछले दिनों भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से नए जिलों की समीक्षा और उनमें से कुछ जिलों को निरस्त किए जाने के संकेत दिए गए। इसके बाद केकड़ी में अधिवक्ताओं ने आंदोलन शुरू कर दिया। जिले को बचाने के लिए बनी संघर्ष समिति ने धरना दिया। विधायक शत्रुघ्न गौतम ने अधिवक्ताओं के धरने में पहुंचकर उन्हें आश्वस्त किया था। उनका कहना रहा कि यदि उनकी इस मांग को लेकर जयपुर पैदल चलना पड़ेगा तो वह उसकी अगुवाई करेंगे। बशर्तें कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके डॉ. रघु शर्मा भी उनके साथ आएं।
केकड़ी जिले का गठन 13 मार्च 2023 को हुआ। जिले ने स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे, शिक्षा और समग्र विकास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में अन्य जिलों की तुलना में बेहतरीन प्रदर्शन किया। इस जिले को विकसित भारत यात्रा शिविर, परिवार कल्याण कार्यक्रम एवं शत प्रतिशत टीकाकरण कवरेज में उत्कृष्ट कार्य करने पर राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत केकड़ी जिले में पंजीकृत आवासों में से 90 प्रतिशत पूर्ण एवं सत्यापित किए जा चुके हैं। इसी प्रकार परिवर्तित बजट 2024-25 की घोषणाओं से संबंधित भूमि आवंटन संबंधी प्रकरणों में केकड़ी जिले से तीन आवंटन आदेश जारी किए गए। वर्ष 2022-23 के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन सत्यापन कार्य 99.93 प्रतिशत पूर्ण किया गया। वर्ष 2023-24 के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन सत्यापन 99.04 प्रतिशत पूर्ण किया गया है। पालनहार वार्षिक सत्यापन वर्ष 2023-24 शत प्रतिशत पूर्ण किया गया।
जिले में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में ऐतिहासिक प्रगति हुई। केकड़ी जिले ने फार्म पॉन्ड अनुदान योजना में अजमेर, टोंक एवं ब्यावर जिले से अधिक लक्ष्य अर्जित किया। कृषि यंत्र अनुदान योजना में भी केकड़ी ने अजमेर, ब्यावर एवं टोंक जिलों से अधिक लक्ष्य अर्जित किया। कृषि विषय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना का लाभ देने में भी केकड़ी जिला अग्रणी रहा है।
महीने के तीसरे गुरुवार को होने वाली जनसुनवाई अब नहीं होगी। यह जिला स्तरीय जनसुनवाई महीने के तीसरे गुरुवार को सुनिश्चित की गई थी।
मई महीने में राजस्थान सरकार ने ई-फाइलिंग सिस्टम में प्रदेश के 47 जिलों के कलक्टरों की रैंकिंग फाइलों का तेज गति से निपटारा करने में केकड़ी जिला कलेक्टर श्वेता चौहान टॉप-10 में जगह बनाने में कामयाब रहीं। वह कार्यालय में आने वाली एक फाइल एक घंटा 8 मिनट में निपटा रही हैं।
केकड़ी में निजी स्तर पर मेडिकल कॉलेज समेत एजुकेशन हब बनाने और औद्योगिक ऊंचाइयों को नए आयाम देने के लिए राइजिंग राजस्थान समिट के तहत 4000 करोड़ रुपए के एमओयू हुए। जिले का अस्तित्व समाप्त हो जाने के बाद विकास की कल्पनाएं मूर्त रूप ले पाएंगी, इसे लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। राइजिंग राजस्थान के तहत उद्योगपतियों की जो समिट हुई वह जिला स्तर पर हुई थी। इसमें उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने उद्यमियों को प्रोत्साहित किया था।
शिक्षा बोर्ड के सीनियर सैकंडरी वाणिज्य में जो 13 जिले सौ प्रतिशत रिजल्ट देने वाले रहे, उनमें केकड़ी जिला भी एक था। वहीं आर्ट्स और साइंस में भी 50 जिलों में केकड़ी का स्थान 9वां रहा।
खो-खो और हॉकी में देश में खास पहचान स्थापित करने वाले केकड़ी को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से खेलो इंडिया और वन जिला वन स्पोर्ट्स के रूप में भी सौगात मिली। खेलो इंडिया में खो-खो और वन डिस्ट्रिक्ट-वन स्पोर्ट्स में हॉकी को बढ़ावा देने की योजनाएं केकड़ी में लाई जानी थी। यह सुविधा जिले को मिलती है और अब केकड़ी जिला नहीं रह गया है। ऐसे में इन सुविधाओं का भी कोई अस्तित्व नहीं रह गया।
केकड़ी जिला बनने के बाद यहां कलक्टर और एसपी के दफ्तर खुले। आमजन को अपने छोटे-छोटे काम के लिए 80 किलोमीटर दूर अजमेर जाने की समस्या से छुटकारा मिला। टोंक जिले से सटे केकड़ी के कई ऐसे गांव हैं जिनकी दूरी अजमेर से लगभग 120 किलोमीटर है। उनका जिला मुख्यालय पहले अजमेर पड़ता था। जिला बनने के बाद गांव-गांव में राहत कैंप लगे। इनमें कलक्टर ने पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। जिला बनने के बाद क्षेत्र में पुलिसिंग बेहतर हुई। यहां एसपी के बैठने से अपराधों पर लगाम लगी और त्वरित कार्यवाही हो सकी। मूलभूत सुविधाओं में सुधार हुआ। जिला बनने से पहले ही यहां जिला चिकित्सालय संचालित है, जिसकी बेहतर ढंग से मॉनिटरिंग हो सकी। इसके चलते क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभान्वित हुए।
गत 9 सितम्बर को पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हाकम बदल जाएं लेकिन हुकम नहीं बदलना चाहिए। नए जिलों की समीक्षा कर उनमें से कुछ जिले हटाए जाने को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की ओर से जारी बयान के बाद पूर्व मंत्री डॉ. शर्मा ने केकड़ी में मोर्चा संभाला था। केकड़ी के जिले के स्वरूप पर खतरे के बादलों के बीच शर्मा चुनाव हारने के 9 महीने बाद तब इस बयान के साथ चर्चा में आए। उन्होंने जिले को बचाने के लिए जनता से ही सहयोग की अपील की।
उल्लेखनीय है कि डॉ. शर्मा एक चुनावी सभा में भी केकड़ी जिले की उपलब्धि को जनता के सामने रखा था। तब भाजपा नेता और पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ की ओर से दिए गए एक बयान के जवाब में उन्होंने कहा था कि केकड़ी जिले की समीक्षा कर उसे हटाना आसान नहीं है। ऐसा वह कभी नहीं होने देंगे।
केकड़ी जिले को निरस्त करने की खबर के साथ ही क्षेत्रवासियों में रोष नजर आया। सरकार के इस फैसले के विरोध में शनिवार शाम केकड़ी जिला बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक रामावतार सिखवाल ने तीन बत्ती चौराहे पर सिर मुंडवाने का निर्णय किया। इसकी भनक प्रशासन को लगी तो हड़कंपमच गया। सिखवाल सिर मुंडवाते उससे पहले ही शहर थाना पुलिस पहुंच गई और समझाइश कर उन्हें ऐसा करने से रोका। सिखवाल का कहना रहा कि केकड़ी को जिला बनाने और यथावत रखने के लिए आंदोलन किया गया, लेकिन एक झटके में सरकार ने केकड़ी जिले को निरस्त कर दिया है। पुलिस प्रशासन की समझाइश के बाद सिखवाल ने मुंडन नहीं करवाया। इस दौरान मौके पर भीड़ एकत्रित हो गई।
पूर्व चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने केकड़ी से जिले का दर्जा छीनकर यहां की जनता की भावनाओं के साथ कुठाराघात है। आजादी के बाद से ही केकड़ी इलाका विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ रहा। अब भाजपा की सरकार ने जिले को समाप्त कर दिया। आने वाली पीढ़ी भाजपा सरकार को कभी माफ नहीं करेगी, क्योंकि नए जिले बनते हैं तो क्षेत्र का विकास होता है। बड़ी मुश्किल से देश के मानचित्र पर केकड़ी का नाम उभरकर आया था, उसे एक झटके में हटा दिया गया। जिले के हिसाब से जो विकास के आयाम स्थापित होने थे, उनकी संपूर्ण संभावनाएं अब समाप्त हो गई हैं।
केकड़ी जिले को समाप्त किए जाने की घोषणा के बाद क्षेत्रीय विधायक शत्रुघ्न गौतम से इस बारे में बात करने के लिए संपर्क करने का प्रयास किया गया, मगर वे उपलब्ध नहीं हो सके।
उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की ओर से गत दिनों भीलवाड़ा में नवगठित जिलों को हटाए जाने के संबंध में एक बयान दिया गया। इसके बाद नए जिलों को हटाए जाने की सुगबुगाहट तेज हो गई। कचहरी परिसर में वकीलों की ओर से दिए जा रहे धरने पर पहुंचकर गौतम ने उनका धरना समाप्त करवाया। उन्होंने आंदोलनरत वकीलों को भरोसा दिलाया कि यदि केकड़ी जिले को हटाया गया तो वे लोगों के साथ पैदल जयपुर कूच करेंगे। हालांकि उन्होंने यह शर्त भी रखी कि वे तभी कूच करेंगे जब पूर्व विधायक डॉ. रघु शर्मा भी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।
Published on:
29 Dec 2024 03:01 am
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