scriptकभी रहे होंगे जेलर…अब आ जाओ खुद ‘अंदर’ | Three accused including jailer arrested in facility fee case in jail | Patrika News

कभी रहे होंगे जेलर…अब आ जाओ खुद ‘अंदर’

locationअजमेरPublished: Sep 20, 2019 02:53:15 am

Submitted by:

suresh bharti

सेंट्रल जेल अजमेर में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली का मामला, तत्कालीन जेलर जसवंत सिंह सहित सहयोगी अनिल चौधरी व राजेन्द्र सिंह को एसीबी ने दबोचा,अदालत ने 23 सितम्बर तक भेजा जेल, अब तक कुल 12 आरोपियों को किया जा चुका है गिरफ्तार

कभी रहे होंगे जेलर...अब आ जाओ खुद ‘अंदर’

पुलिस की गिरफ्त में जेल में सुुविधा शुल्क वसूली मामले के आरोपी

अजमेर. यह सही है कि कानून से बड़ा कोई नहीं है। जब तक आपका कथित प्रभाव है। सबूत पुख्ता नहीं है। नेटवर्क मजबूत है। अपने ‘आका’ का वरदहस्त है। तब तक बचे रहोगे। वह चाहे राजनेता हो या कोई बड़ा अधिकारी-कर्मचारी। कानून के हाथों कोई नहीं बच पाता। एक न एक दिन उसे जेल की हवा खानी ही पड़ेगी।
ऐसी ही मामला सेंट्रल जेल, अजमेर में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली का है। यहां कभी तैनात रहे जेलर समेत तीन सहयोगियों को आखिर कानून की गिरफ्त में आना ही पड़ा। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (स्पेशल इकाई) ने आरोपी जेलर के अलावा अन्य दो सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया।
यह सहयोगी जेल के बाहर अपने खातों में सुविधा शुल्क ट्रांसफर कराने का काम करते थे। इन तीनों की गिरफ्तार के बाद एसीबी को प्रकरण में कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि इससे पहले एसीबी नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
सजायाफ्ता कैदी शैतान सिंह से था सम्पर्क

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(स्पेशल यूनिट) मदनदानसिंह के अनुसार बुधवार रात अजमेर सेंट्रल जेल के तत्कालीन जेलर टोंक निवासी जसवंतसिंह को अजमेर सेन्ट्रल जेल में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली मामले में भीलवाड़ा से गिरफ्तार किया। जो अभी भीलवाड़ा में उपकारापाल के पद पर तैनात है। वहीं बंदियों के परिजन से सुविधा शुल्क वसूली में सहयोगी करौली जिले के हिण्डौन सिटी हाल अजमेर के वैशालीनगर निवासी अनिल चौधरी और सरवाड़ क्षेत्र के सुरसुण्डा निवासी राजेन्द्रसिंह को गिरफ्तार किया। चौधरी और सिंह जेलर जसवंत सिंह के जरिए सजायाफ्ता कैदी शैतान सिंह के सम्पर्क में थे।
उम्मीद है अब खुलेंगे कई राज

अनुसंधान अधिकारी पारसमल पंवार के मुताबिक अजमेर सेन्ट्रल जेल बंदी प्रकरण में जेलर जसवंतसिंह के साथ में अनिल व राजेन्द्र सिंह चौधरी की गिरफ्तारी के बाद प्रकरण से जुड़े कई राज सामने आने की उम्मीद है। बंदी शैतानसिंह और उसका भाई रमेश जेल में बंदियों को यातनाएं देकर सुविधा शुल्क वसूली करते थे।
रकम की वसूली का कामकाज जेल के बाहर अनिल चौधरी और राजेन्द्रसिंह करते थे। दोनों अपने बैंक खातों में बंदियों के परिजन से रकम ट्रांसफर करवाते थे। वसूली की रकम को शैतान सिंह के अनुसार अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करते थे।
मोबाइल को रखा सर्विलांस

जांच में यह सामने आया कि जेलर जसवंत सिंह की अनिल चौधरी व राजेन्द्र सिंह से मोबाइल पर नियमित बातचीत होती थी। एसीबी ने जसवंतसिंह के मोबाइल को सर्विलांस पर ले रखा था, जिसमें अनिल व राजेन्द्र के बीच हुई मोबाइल कॉल की पर्याप्त रिकॉडिंग भी मौजूद है। इसमें बंदियों के परिजन से लेन-देन का जिक्र भी शामिल है।
अब तक 12 आरोपी दबोच

ेसेंट्रल जेल में एसीबी की ओर से १८ जुलाई को कार्रवाई में बंदियों से सुविधा शुल्क वसूली प्रकरण में सात जनों को गिरफ्तार किया था। इसमें जेल कर्मचारी संजय सिंह, कैसाराम, प्रधान बाना, अरुणसिंह चौहान, सजायाफ्ता बंदी दीपक उर्फ सन्नी, उसका भाई सागर व प्रवेश उर्फ पोलू शामिल हैं। इसके बाद २७ जुलाई को सजायाफ्ता बंदी शैतानसिंह व उसके भाई रमेश को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया।
गुरुवार को एसीबी ने जेलर जसवंतसिंह, बिचौलिए राजेन्द्र सिंह व अनिल चौधरी को धर-दबोचा। प्रकरण में अब तक १२ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसीबी ने देर शाम तीनों को विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें २३ सितम्बर तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।


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