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बोले वीसी…पीएमओ तक लड़ूंगा लड़ाई, रेलवे को याद आ जाएगी नानी

इस पर विश्वविद्यालय ने रेलवे की पेशकश को तत्काल खारिज कर दिया।

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ROB on rail track

ROB on rail track

अजमेर.

रेलवे ट्रेक के ऊपर आरओबी बनाने को लेकर रेलवे और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में ठन सकती है। विश्वविद्यालय अजमेर-पुष्कर ट्रेक की दूसरी ओर कैंपस कॉलेज बनाना चाहता है। यहां आरओबी बनाने के लिए रेलवे ने लाखों रुपए मांगे है। विश्वविद्यालय ने इससे साफ इन्कार कर दिया है।

कैंपस में विद्यार्थियों की सीमित संख्या को देखते हुए विश्वविद्यालय ने स्नातक कॉलेज बनाने का फैसला किया है। इसके लिए अजमेर-पुष्कर रेल लाइन से सटी दूसरी तरफ की जमीन चिन्हित की गई है। दोनों तरफ आवाजाही के लिए रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण भी कराया जाना है।

रेलवे ने मांगे लाखों रुपए

अधिकृत सूत्रों के अनुसार विश्वविद्यालय ने आरओबी का प्रस्ताव लेकर पिछले दिनों अपने कार्मिक को रेलवे के पास भेजा। रेलवे ने फाइल देखने के बाद निर्माण कार्य की एवज में करीब 50 लाख रुपए से ज्यादा राशि देने की बात कही। इस पर विश्वविद्यालय ने रेलवे की पेशकश को तत्काल खारिज कर दिया।

मुआवजा राशि मिली या नहीं...

वर्ष 2004-05 में अजमेर-पुष्कर रेल ट्रेक का कार्य शुरू हुआ था। इसके लिए रेलवे ने विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार वाली पहाड़ को काटकर लाइन डाली। इसकी एवज में रेलवे को विश्वविद्यालय को मुआवजा राशि अथवा जमीन के बदले जमीन देनी थी। विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव किशोर कुमार, सुरेश सिंधी और अन्य ने रेलवे को कई बार पत्र भेजे पर ना राशि ना जमीन नहीं मिल पाई। आरओबी के प्रस्ताव पर भी रेलवे ने साल 2005 से पुराने मामले को लंबित रखने पर ऐतराज जताया।

भेजेंगे पीएमओ और रेल मंत्रालय में पत्र

सूत्रों के मुताबिक रेलवे के राशि मांगने, पुराने मामला नहीं सुलझाने पर विश्वविद्यालय भी आर-पार के मूड में है। अजमेर-पुष्कर रेल लाइन से जुड़ी राशि और पूरे प्रकरण को पीएमओ और रेल मंत्रालय भेजा जाएगा। बाकायदा पीएमओ के पोर्टल पर इसका पत्र अपलोड किया जाएगा। फैसल नहीं हुआ तो रेलवे के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की जाएगी।

कैंपस कॉलेज के लिए आरओबी बनाया जाना है। रेलवे ने पुराना मामला सुलझाने के बजाय हमसे राशि मांगी है। इसको लेकर जल्द कोई योजना बनाएंगे।

प्रो. विजय श्रीमाली कुलपति, मदस विश्वविद्यालय