अजमेर

VC trap case: कॉलेज से संपर्क और फाइल डीलिंग पर है फोकस

एसीबी जयपुर में कर रही रणजीत से पूछताछ। निलंबित कुलपति का है खास दलाल।

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Sep 12, 2020
mdsu VC case

अजमेर.

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के निलंबित कुलपति आर. पी. सिंह के दलाल रणजीत सिंह से पूछताछ जारी है। रणजीत के कॉलेज संचालकों से संपर्क, कुलपति सचिवालय और एकेडेमिक-परीक्षा विभाग में फाइलों की डीलिंग को अहम बिंदू मानते हुए एसीबी पूरा नेटवर्क खंगालने में जुटी है।

एसीबी ने 7 सितंबर को निलंबित कुलपति आर. पी.सिंह और उसके बॉडीगार्ड (दलाल) रणजीत सिंह तथा निजी कॉलेज प्रतिनिधि महिपाल को गिरफ्तार किया था। पूरा मामला कॉलेजों से लेन-देन के इर्द-गिर्द घूम रहा था। लिहाजा एसीबी की जांच का टार्गेट भी यही है।

नेटवर्क में अकेला या कई मछलियां...
विद्यार्थियों की मांग और क्षेत्रीय जरूरत बताकर सत्र 2019-20 की परीक्षाओं के लिए नए केंद्र गठन बनाए गए थे। आर. पी.सिंह ने अपने स्तर पर परीक्षा समिति गठित की थी। दलाल रणजीत कॉलेजों से सीधी डील करता था। इसको लेकर एसीबी ने दलाल से जयपुर में कॉलेज से लेन-देन के तरीके, संचालकों से संपर्क करने के अलावा नेटवर्क में शामिल लोगों के बारे में पूछताछ की।

कौन करता था फाइल डील?
परीक्षा केंद्र और सम्बद्धता डील करने वालों के बारे भी उससे पूछताछ की गई। रणजीत के माध्यम से रकम फिक्स होती थी। एसीबी ने एकेडेमिक विभाग, परीक्षा विभाग और कुलपति सचिवालय तक पत्रावलियां पहुंचाने का तरीका भी पूछा। मालूम हो कि एसीबी ने रणजीत के लेपटाप, मोबाइल जब्त किए हैं।

परेशान हो चुके थे कर्मचारी
अधिकृत सूत्रों ने बताया कि एकेडेमिक विभाग का भी आर. पी.सिंह और उसके दलाल की हरकतों से परेशान था। खास फाइलें मंगवाने, उनमें मनमर्जी से टिप्पणी की जाती थीं। विभाग के कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेने की तैयारी भी की थी। इसका जिक्र उन्होंने कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारियों से भी किया था।

नकद राशि जमा करती है यूनिवर्सिटी!
कॉलेज सम्बद्धता आवेदन और शुल्क को लेकर सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई है। कॉलेज संचालक से विश्वविद्यालय से कैश काउन्टर पर नकद राशि जमा कराता है। कायदे से राशि डिमांड ड्राफ्ट अथवा चेक से जमा होनी चाहिए। विवि कार्मिकों द्वारा कुलपति और कुलसचिव कार्यालय को अवगत कराने के बावजूद यह सिलसिला चल रहा है।

फाइलों का लगा था अम्बार
एकेडेमिक विभाग में पिछले छह महीने से कॉलेज की सम्बद्धता फाइलों का अम्बार लगा हुआ था। इनमें ऐसे कॉलेज भी शामिल थे जिनके खिलाफ एकेडेमिक कौंसिल और बॉम ने कार्रवाई की अनुशंषा की थी। निलंबित कुलपति और उसके दलाल रणजीत की इन पर खास नजरें थीं। कई कॉलेज संचालकों पर खामियां दूर करने की एवज में मोटी रकम मांगने का दबाव बनाया गया था।


दलाल रणजीत से जयपुर में पूछताछ जारी है। फाइलों की डीलिंग, लेन-देन और अन्य बिंदुओं पर फोकस किया गया है। हिमांशु ,जांच अधिकारी एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक

Published on:
12 Sept 2020 06:04 am
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