27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कहां है कॉलेज में वाइस प्रिंसिपल, ढूंढ रहे स्टूडेंट्स और टीचर्स

www.patrika.com/rajasthan-news

2 min read
Google source verification
vice principal post

vice principal post

अजमेर.

प्रदेश के सरकारी कॉलेज में उपाचार्यों के पद हैं या नहीं इसको लेकर स्थिति साफ नहीं है। यूजीसी के सातवें वेतनमान के मुताबिक उपाचार्य पद समाप्त हो चुका है। उच्च शिक्षा विभाग ने इसको लेकर कॉलेज को कोई आदेश जारी नहीं किए हैं।

प्रदेश के सभी बड़े स्नातकोत्तर और स्नातक कॉलेज में प्राचार्यों सहित उपाचार्यों के पद सृजित थे। यह व्यवस्था कॉलेज शिक्षकों को छठे वेतनमान देने तक लागू रही। प्रदेश सरकार ने बीते सितंबर में कॉलेज में कार्यरत और सेवानिवृत्त प्राचार्यों, उपाचार्यों, रीडर और अन्य को यूजीसी के नियमानुसार सातवें वेतनमान का लाभ दे दिया है। लेकिन यूजीसी ने नियमों में संशोधन भी किया है।

खत्म किया उपाचार्य पद!
यूजीसी ने कॉलेज शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सिफारिश भेजी थी। इसमें कहा गया कि स्नातकोत्तर और स्नातक कॉलेज में सिर्फ प्रोफेसर स्तर का प्राचार्य पद ही रहेगा। उपाचार्य पद नहीं रखा जाएगा। प्रदेश की तत्कालीन सरकार ने इसी सिफारिश के अनुसार कॉलेज प्राचार्यों, उपाचार्यों, रीडर, लेक्चरर को सातवें वेतनमान का लाभ दे दिया। लेकिन उपाचार्यों के पद समाप्ति को लेकर स्थिति साफ नहीं की है।

कहीं कार्यरत, कहीं पद रिक्त
1836 में स्थापित सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय की देश और प्रदेश में अलग पहचान है। यहां 8 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। कॉलेज में प्राचार्य सहित तीन उपाचार्य, कॉलेज शिक्षा निदेशालय के काममाज के लिए सहायक निदेशक पद स्वीकृत हैं। कॉलेज में तत्कालीन उपाचार्य डॉ. अशोक केवलरमानी के तबादले और डॉ. एस.एम.चौधरी एवं डॉ. पी. सी. सेठी की सेवानिवृत्ति के बाद से पद रिक्त हैं। इनके स्थान पर तीन रीडर्स को संस्थापन, वित्त और प्रशासनिक कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि प्रदेश के दूसरे कॉलेज में उपाचार्य पद यथावत हैं।

आदेश का इंतजार
स्नातक और स्नातकोत्तर कॉलेज में उपाचार्य पद पर असमंजस कायम है। सभी कॉलेज को उच्च शिक्षा विभाग के आदेशों का इंतजार है। यूजीसी की सिफारिश और सरकार के उपाचार्य पद को लेकर स्थिति साफ नहीं है। उधर कई रीडर्स को डीपीसी का इंतजार है। इसके तहत वे प्रोफेसर और प्राचार्य बनेंगे। प्रोफेसर पद पर पदोन्नति को लेकर भी नियमावली बनाई जानी है।