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Weather: छितराए बादल, हवा चलने से बढ़ी ठंडक

सैर पर जाने वाले लोग और राहगीर गर्म कपड़ों में लिपटे दिखे।

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 छितराए बादल, हवा चलने से बढ़ी ठंडक

छितराए बादल, हवा चलने से बढ़ी ठंडक

मार्गशीर्ष माह की शुरुआत सर्द मौसम से हुई। बुधवार सुबह से आसमान में धुंध मंडराने के साथ बादल डेरा जमाए रहे। बादलों के बीच सूरज की धूप भी फीकी नजर आई। सुनहरी धूप निकली तो गर्माहट घुली। अधिकतम तापमान 30.1 और न्यूनतम 19.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

सुबह आसमान में हल्की धुंध मंडराने के साथ बादलों की टुकडि़यां नजर आई। सैर पर जाने वाले लोग और राहगीर गर्म कपड़ों में लिपटे दिखे। हवा में भी ठंडापन महसूस हुआ। बादलों के बीच 7.45 बजे सूरज निकला तो धूप भी धुंधलाती सी नजर आई।

पढ़ें यह खबर भी: कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण, शुद्धि के बाद हुआ पूजन
अजमेर. साल 2022 का अंतिम खग्रास चंद्रग्रहण मंगलवार को हुआ। यह उत्तर-पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अमरीका, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर सहित भारत के विभिन्न हिस्सों में दिखा। सुबह 5.53 बजे ग्रहण का सूतक शुरू होने से मंदिरों के कपाट बंद रहे। शाम 6.20 बजे शुद्धि होने पर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।

भारतीय समयानुसार कार्तिक पूर्णिमा पर शाम 5.20 बजे चंद्रग्रहण प्रारंभ होकर 6.20 पर खत्म हुआ। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण का सूतक नौ घंटे पहले यानि 5.53 से लग गया। शहर के सूरजकुंड, रामगंज, घाटी वाले बालाजी, अम्बे मैया , मेहन्दी खोला, नौसर माता, बजरंगढ़ बालाजी, झरनेश्वर महादेव सहित अन्य मंदिरों के कपाट बंद रहे।

विधि -विधान से स्नान- पूजन

शाम 6 .20 बजे के बाद लोगों ने शुद्धि स्नान किया। घरों-मंदिरों की पानी से धुलाई की गई। गायों को हरा चारा, बांटा- गुड़, चिडि़या- कबूतरों को दाना डाला। मंदिरों और घरों में शुद्धता के बाद विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई।

यूं होता है चंद्रग्रहण

चंद्र ग्रहण में सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है। इस दौरान चांद धरती की छाया से छिप जाता है, पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा एक-दूसरे की सीध में होते हैं। जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह काला नजर आता है।