सड़कों, नालों-नालियों में पानी बहता रहा। बरसात होने, बादल छाए रहने और हवा चलने से ठंडापन महसूस हुआ।
भादों की घटाएं रविवार को दिनभर भिगोती रहीं। सुबह से शाम तक कभी तेज बरसात तो कभी रिमझिम फुहारों का दौर चला। कई जगह सड़कों और गड्ढों में पानी पर गया। लगातार बारिश से मौसम में ठंडक हो गई।अधिकतम तापमान 31.5 तथा न्यूनतम तापमान 24.3 डिग्री सेल्सियस रहा।
सुबह से ही घटाओं ने आसमान पर डेरा जमा लिया। करीब 11.30 बजे बारिश शुरु हुई। वैशाली नगर, माकड़वाली रोड, पंचशील, फायसागर रोड, कोटड़ा, राजा साइकिल, श्रीनगर रोड, लोहागल, नाका मदार, भूणाबाय, कायड़, गेगल, गगवाना, घूघरा, तबीजी और अन्य इलाकों में कभी तेज बौछारें तो कभी फुहारें गिरीं। कई राहगीरों और दोपहिया वाहन चालकों ने भीगने का लुत्फ उठाया। सड़कों, नालों-नालियों में पानी बहता रहा। बरसात होने, बादल छाए रहने और हवा चलने से ठंडापन महसूस हुआ।
हो चुकी है 469 मिलीमीटर
बरसात जिले की औसत बरसात 550 मिलीमीटर है। जबकि इस बार 469 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि सबसे ज्यादा बरसात जून और जुलाई में हुई है। अगस्त और सितम्बर के पहले पखवाड़े तक महज 40 मिलीमीटर बरसात ही हुई है। इस साल के मानसून के 14 दिन और शेष हैं। इस दौरान होने वाली बारिश से सिंचाई और पीने के लिए पानी उपलब्ध होगा।
सितम्बर में मानसून मेहरबान
पूरे अगस्त और सितम्बर के पहले पखवाडे़ तक सुस्त मानसून अब सक्रिय हुआ है। दो-तीन से बरसात होने से मौसम में ठंडापन हो गया है। हालांकि अजमेर में अब तक 15-16 मिलीमीटर बरसात ही हुई है। लेकिन मानसून अपनी रंगत में लौट रहा है।
पूरा नहीं भरा है बीसलपुर बांध
पिछले साल बीसलपुर बांध अच्छी बरसात से अपनी पूर्ण भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर तक पहुंच गया था। बांध के चार गेट खोलकर पानी की निकासी की गई थी। इस बार बांध में करीब 313 आरएल मीटर पानी है। चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा और उदयपुर जिले में झमाझम बरसात होने पर बांध में पानी की आवक हो सकेगी।