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Weather watch: मंडराते रहे बादल, मानसून के बचे अब 50 दिन

locationअजमेरPublished: Aug 11, 2018 06:10:03 am

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

low rain in ajmer

low rain in ajmer

अजमेर. बादल शनिवार को आसमान पर मंडराते रहे। कुछेक जगह मामूली बूंदाबांदी के अलावा दिनभर बादलों का जमघट लगा रहा।मौसम का मिजाज रविवार को भी ऐसा ही रहा। कहीं झमाझम बरसात नहीं हुई। सुबह हवा चलने से कुछ राहत मिली। बाद में कई बार धूप-छांव होने से हल्की गर्माहट भी महसूस हुई।
सुबह फुहारें छोडऩे वाले बादल शनिवार सुबह उमड़ते-घुमड़ते रहे। वैशाली नगर, माकड़वाली रोड, पंचशील, पुष्कर रोड, फायसागर क्षेत्र में मामूली बूंदें टपकी। सिविल लाइंस,रामगंज, केसरगंज, स्टेशन रोड, नसीराबाद रोड क्षेत्र, आदर्श नगर, नाका मदार, कांकरदा भूणाबाय, लोहागल रोड और अन्य इलाकों में बादलों ने डेरा डाले रखा। शहर में तेज बरसात कहीं नहीं हुई।
मानसून के 50 दिन बाकी

इस साल मानसून के अब 50 दिन बचे हैं। जिले में करीब 215 मिलीमीटर बरसात हुई है। औसत बरसात का आंकड़ा पूरा करने के लिए 335 मिलीमीटर बरसात की और जरूरत है। मालूम हो कि प्रतिवर्ष जिले और प्रदेश में मानसून की सक्रियता 1 जून से 30 सितम्बर तक मानी जाती है। इस दौरान होने वाली बारिश से सिंचाई और पीने के लिए पानी उपलब्ध होता है।
कई तालाब अब तक सूखे
जिले के प्रमुख जलाशयों में पानी नहीं है। कहीं नाम मात्र तो कहीं तालाब-बांध बिल्कुल सूखे पड़े हैं। इनमें राजियावास, बीर, मूंडोती, पारा प्रथम और द्वितीय, बिसूंदनी, मकरेड़ा, रामसर, नारायण सागर खारी, मान सागर जोताया, देह सागर बडली, भीम सागर तिहारी, खानपुरा तालाब शामिल है। इसी तरह चौरसियावास, लाकोलाव टैंक, सुरखेली सागर अरांई, बिजयसागर लाम्बा, विजयसागर फतेहगढ़, बांके सागर सरवाड शामिल हैं।
आरएएस प्रारंभिक की उत्तरकुंजी पर आपत्ति

आरएएस प्रारंभिक परीक्षा-2018 में शामिल अभ्यर्थियों ने शनिवार को उत्तरकुंजी पर आपत्ति दर्ज कराई। राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 13 अगस्त तक आपत्तियां देने का अवसर दिया है।
आयोग ने 5 अगस्त को आरएएस प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया था। इसकी उत्तरकुंजी पर आपत्तियां मांगी गई है। शनिवार को अभ्यर्थियों ने निर्धारित शुल्क देकर ऑनलाइन आपत्तियं दर्ज कराई। उप सचिव रामदयाल मीणा के अनुसार प्रत्येक प्रश्न की आपत्ति के लिए सौ रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है। आपत्तियां प्रामाणिक पुस्तकों के प्रमाण के साथ सिर्फ ऑनलाइन स्वीकार की जाएंगी। वांछित प्रमाण नहीं होने पर आपत्तियों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।
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