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Workshop: नहीं बढ़ती पेपर्स में स्पीड, करना पड़ता है ग्राउन्ड वर्क

ग के अनुसार रेलों की गति को कागजों के स्थान पर वास्तविक रूप में बढ़ाना चाहिए। सरकार को रेल यातायात पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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workshop  for railway

workshop for railway

अजमेर.

कॉलेज शिक्षा निदेशालय और सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के तत्वावधान में संकाय उन्नयन कार्यक्रम जारी है। मुख्य वक्ता जवाहर लाल विश्वविद्यालय के प्रो. यशदत्त सोमजी एलोनी ने भारतीय रेलों का इतिहास समझाया। उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुसार रेलों की गति को कागजों के स्थान पर वास्तविक रूप में बढ़ाना चाहिए। सरकार को रेल यातायात पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

अक्सर देखा जाता है कि रेल 8-10 घंटा देरी से पहुंचती है। मुंबई की लोकल ट्रेन 24 घंटे 1400 से 1500 प्रतिदिन चलती है। ड्राइवर की एक मिनट की चूक भारी पड़ सकती है।

डॉ. कमल नयन ने कहा कि दस्तावेज कभी भी शुद्ध हो इसकी कोई गारन्टी नहीं है। दस्तावेजों को दोहरी जांच की आवश्यकता रहती है। डॉ. कालूराम पलसानिया ने कहा कि मीरा बाई ने रैदास को गुरू बनाकर सामाजिक समरसता तथा नारी स्वतन्त्रता को बढ़ावा दिया।

संचालन डॉ. दिनेश भार्गव तथा संयोजन डॉ. डी.पी.गोस्वामी ने किया। विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता कमल, डॉ. बीना कौशिक, डॉ. लता अग्रवाल, डॉ. जितेन्द्र मारोठिया, डॉ. माणक जैन, डॉ. शिल्पी, डॉ. पोरस कुमार तथा तकनीकी समन्वयक डॉ. वी.उमा और सचिव डॉ. विकास सक्सेना उपस्थित थे।

सीबीएसई: केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा 31 को

अजमेर. सीबीएसई के तत्वावधान में 31 जनवरी को केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटेट) कराई जाएगी। बोर्ड वेबसाइट पर प्रवेश पत्र अपलोड कर चुका है।
स्कूल में शिक्षक बनने के लिए सीबीएसई के तत्वावधान में केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटेट) कराई जाती है। साल 2015-16 तक परीक्षा फरवरी और सितम्बर में कराई जाती रही थी। इसके बाद यह जून और जनवरी में कराई जा रही है। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल जून में परीक्षा नहीं हो पाई थी। लिहाजा बोर्ड 31 जनवरी परीक्षा कराएगा। यह परीक्षा अजमेर सहित देश के 135 शहरों में होगी।