अजमेर. कुपोषण के शिकार बच्चों की सेहत के लिए अंडा पौष्टिक आहार के रूप में बेहतर विकल्प हो सकता है। प्रोटीन से भरपूर अंडा मां के दूध के बाद सर्वाधिक मानव पोषण का आहार माना जाता है। पोल्ट्री फार्म का अंडा कुपोषण दूर करने के लिए सबसे सस्ता और सशक्त भोजन बताया जाता है। विश्व में अक्टूबर के द्वितीय शुक्रवार को विश्व अंडा दिवस मनाया जाता है। अजमेर जिले में एक हजार से अधिक पोल्ट्री फार्म संचालित हैं। यहां पर उत्पादन का अधिकांश अंडा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और बिहार में सप्लाई होता है। राजस्थान में 5 साल से छोटे कई बच्चे कुषोपण का शिकार बताए गए हैं। ऐसे में उनके लिए प्रतिदिन एक अंडा पौष्टिक आहार साबित हो सकता है। प्राकृतिक मल्टी विटामिन कैप्सूल होने के बावजूद अंडा भ्रांतियों का शिकार हो रहा है।
Education: दाखिलों में हर साल लेटलतीफी, लॉ एज्यूकेशन फिर भी बदहाल फैक्ट फाइल – 85 : लाख से अधिक मुर्गी व बॉयलर का पालन
– 25 : से 30 लाख प्रतिदिन जिले में अंडे का उत्पादन – 01 : लाख से अधिक लोग जुड़े हैं व्यवसाय से
– 80 : प्रतिशत यूपी, मध्यप्रदेश व बिहार जाता है अंडा
Change: इस कॉलेज में चलाएं साइकिल, बस देना होगा आई-कार्ड एक्सपर्ट व्यू पोल्ट्री फार्म के अंडों में कोई जीव या भू्रण नहीं होता है। पोल्ट्री और देशी अंडे में कोई अंतर नहीं होता है। दूध में मिलावट हो सकती है, लेकिन अंडे में ऐसी कोई संभावना नहीं होती है। अंडे की सफेद जर्दी में सिर्फ प्रोटीन और पानी होता है, जबकि पीली जर्दी में कैलोरी के साथ मिनरल और विटामिन बी-6, बी-12, ए,डी, ई और के जैसे विटामिन भी अधिक मात्रा में होता है। प्रोटीन की गुणवत्ता को जैविक मूल्य के रूप में व्यक्त किया जाता है। अंडे का सर्वाधिक जैविक मूल्य 93.7 प्रतिशत है। सोयाबीन के प्रोटीन का जैविक मूल्य मात्र 58 होता है। पोल्ट्री फार्म का अंडा, कुपोषण दूर करने के लिए सबसे सस्ता और सशक्त भोजन है।
– डॉ. आलोक खरे, वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, राज्य कुक्कुट प्रशिक्षण संस्थान