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अलीगढ़ में राजा मंहेद्र प्रताप सिंह के नाम से नई यूनिवर्सिटी बनाए जाने का एलान करते वक्त यूपी सीएम याेगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब अलीगढ़ यूनिवर्सिटी बनी ताे राजा मंहेद्र प्रताप सिंह ने जमीन दी थी। इसके बावजूद अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में उनके नाम से एक शिलापट तक नहीं है। अब उनकी स्मृति में सरकार दानी राजा मंहेद्र प्रताप सिंह के नाम पर अलीगढ़ में ही नई यूनिवर्सिटी बनवाएगी। जानिए काैन है राजा महेंद्र प्रताप सिंह राजा मंहेद्र प्रताप सिंह भारत की अंतिम सरकार के अध्यक्ष थे। वह एक समाज सुधारक हाेने के साथ-साथ स्वतंत्रा संग्राम सेनानी और पत्रकार भी थे। दूसरे विश्व युद्ध के दाैरान उन्हाेंने भारतीय कार्यकारी बोर्ड की स्थापना की थी। उन्हाेंने अपने साथियाें के साथ मिलकर बाल्कन युद्ध में भी हिस्सा लिया था। भारत सरकार राजा मंहेद्र प्रताप सिंह की स्मृति में डाक टिकट भी जारी कर चुकी है।
उनका जन्म जाट परिवार में हुआ था। वह मुरसान रियासत के शासक थे। देहरादून से उनका निर्बल सेवक के नाम से एक समाचार पत्र भी निकलता था। उन्हाेंने शिक्षा पर काफी जाेर दिया था। वृंदावन में उन्हाेंने प्रेम महाविद्यालय की स्थापना की थी। इसके लिए उन्हाेंने अपने पांच गांव वृंदावन का राजमहल और चल संपत्ति को दान में दे दिया था। वृंदावन में ही उन्होंने आर्य समाज गुरुकूल के लिए अपना 80 एकड़ का फल वाला बाग दान में दिया था।
क्या कहता है अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का प्रबंधन मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने भले ही यह कहा हाे कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी राजा मंहेद्र प्रताप सिंह को भूल गई है लेकिन इस पर अलीगढ़ यूनिवर्सिटी प्रबंधन का तर्क कुछ और ही है। एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार एएमयू प्रबंधन का कहना है कि राजा महेंद्र प्रताप का अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से गहरा नाता रहा है। यह बात सही है कि राजा महेंद्र प्रताप ने यूनिवर्सिटी काे 3.4 एकड़ जमीन लीज पर दी थी लेकिन उसका किराया जाता रहा। जहां तक बात उनके शिलापट की है ताे माैलाना आजाद लाईब्रेरी के मुख्य हॉल में उनकी फोटो लगी हुई है।