पाट दिया जलाशय
रावण किला के इस जलाशय पर लोगों ने कूड़ा डालकर गंदगी से पाट दिया दिया है। समाजसेवी किरण झा ने बताया कि वह जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं और नदी और पोखरों को बचाने के लिए लगे हैं। उन्होंने बताया कि सुरेंद्र नगर स्थित पानी की टंकी के पास रावण टीला पोखर पर जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है, उन्होंने बताया कि अभी नगर आयुक्त नए आए हैं। पोखर को नष्ट करने का काम किया जा रहा है। इस जलाशय को बचाने के लिए अभियान चलाएंगे। उन्होंने बताया कि जमीन का जल स्तर बढ़ाने का काम किया जाएगा। आज बरसात का पानी ओवरफ्लो होकर के समुद्र में चला जाता है। नदियों को गहरा कराना होगा, जिससे नदियों में जब जल एकत्र होगा, तभी जल का संरक्षण होगा। उन्होंने बताया कि जमीन का जलस्तर 200 फुट पहुंच गया है।
पत्रिका अभियान की सराहना
समाज सेवी सेवाराम शर्मा ने पत्रिका के अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है। इस पृथ्वी पर 70% जल उपस्थित है, लेकिन पीने योग्य जल 2% ही उपलब्ध है। पृथ्वी पर जल की मात्रा कम होती जा रही है और अगर तृतीय- चतुर्थ विश्व युद्ध अगर होगा तो यह जल के लिए ही होगा। उन्होंने बताया कि आज जल की बहुत आवश्यकता है, मनुष्य इस चीज को नहीं समझ रहा है और जनता इसका दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि बिना पानी के जीवन की कल्पना नहीं हो सकती और जल को संरक्षित करना जरूरी है। इसके लिए हमें जल का दोहन बंद करना पड़ेगा। जलाशय का संरक्षण करना जरूरी है । उन्होंने बताया कि रावणटीला पोखर में कभी पानी बहुत रहता था लेकिन आज इसको पाटने का काम किया जा रहा है। यहां गंदगी फैली हुई है लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है कि लोग जल को प्रदूषित ना करें।
समाज सेवी सेवाराम शर्मा ने पत्रिका के अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है। इस पृथ्वी पर 70% जल उपस्थित है, लेकिन पीने योग्य जल 2% ही उपलब्ध है। पृथ्वी पर जल की मात्रा कम होती जा रही है और अगर तृतीय- चतुर्थ विश्व युद्ध अगर होगा तो यह जल के लिए ही होगा। उन्होंने बताया कि आज जल की बहुत आवश्यकता है, मनुष्य इस चीज को नहीं समझ रहा है और जनता इसका दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि बिना पानी के जीवन की कल्पना नहीं हो सकती और जल को संरक्षित करना जरूरी है। इसके लिए हमें जल का दोहन बंद करना पड़ेगा। जलाशय का संरक्षण करना जरूरी है । उन्होंने बताया कि रावणटीला पोखर में कभी पानी बहुत रहता था लेकिन आज इसको पाटने का काम किया जा रहा है। यहां गंदगी फैली हुई है लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है कि लोग जल को प्रदूषित ना करें।
समझना होगा महत्व
समाजसेवी आभा ने बताया कि जल की महत्ता प्राचीन काल से है। अब लोगों को पानी के महत्व को समझना पड़ेगा। स्थानीय पार्षद डॉ. मुकेश शर्मा ने बताया कि पानी बचाने के लिए लोगों को संदेश देना पड़ेगा, जमीन में पानी का जल स्तर नीचे गिरता चला जा रहा है। आने वाले समय में लोग पानी के त्राहि त्राहि करेंगे। समाजसेवी लीलावती ने कहा कि अब घरों में समरसेबल मशीन इतनी लग गया है कि पानी का दोहन बढ़ गया है अब यह सोचना होगा कि यह पानी कितने दिनों तक मिल पाएगा । अगर जल को सुरक्षित नहीं करेंगे तो मानव जीवन मुश्किल है। हम अन्न के बिना तो रह सकते हैं, लेकिन जल के बिना नहीं रह सकते। उन्होंने बताया कि आज आवश्यकता है जल बचाने के लिए इस पोखर को अच्छा बनाने, ताकि इसके सौंदर्य को लोग जान सकें।
समाजसेवी आभा ने बताया कि जल की महत्ता प्राचीन काल से है। अब लोगों को पानी के महत्व को समझना पड़ेगा। स्थानीय पार्षद डॉ. मुकेश शर्मा ने बताया कि पानी बचाने के लिए लोगों को संदेश देना पड़ेगा, जमीन में पानी का जल स्तर नीचे गिरता चला जा रहा है। आने वाले समय में लोग पानी के त्राहि त्राहि करेंगे। समाजसेवी लीलावती ने कहा कि अब घरों में समरसेबल मशीन इतनी लग गया है कि पानी का दोहन बढ़ गया है अब यह सोचना होगा कि यह पानी कितने दिनों तक मिल पाएगा । अगर जल को सुरक्षित नहीं करेंगे तो मानव जीवन मुश्किल है। हम अन्न के बिना तो रह सकते हैं, लेकिन जल के बिना नहीं रह सकते। उन्होंने बताया कि आज आवश्यकता है जल बचाने के लिए इस पोखर को अच्छा बनाने, ताकि इसके सौंदर्य को लोग जान सकें।