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अब भिखारियों ने भी मांगी पेंशन, सरकार को हो सकती है टेंशन

इतिहास में पहली बार भिखारियों ने किया प्रदर्शन, कहा- तरक्की के संसाधनों पर पूंजीपतियों का कब्जा।

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Sudhanshu Trivedi

Oct 26, 2016

protest

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अलीगढ़. इतिहास मे पहली बार भिक्षुकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किय। बदलाव संस्था के भिक्षावृत्ति मुक्ति अभियान के अन्तर्गत अपने पुनर्वास के लिये 12 सूत्रीय मांगों को लेकर रैली निकाली और भिखारियों ने सरकार से पांच हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन देने के मांग की। लखनऊ के हजरतगंज में मंगलवार को गांधी प्रतिमा के सामने आगरा, अलीगढ़, मथुरा सहित प्रदेश भर से आए करीब आठ सौ भिखारियों ने धरना दिया।
भीख मांगकर पेट पालने को मजबूर
भिक्षावृत्ति मुक्ति अभियान के संयोजक शरद पटेल ने बताया कि भिक्षावृत्ति की समस्या एक सामजिक, आर्थिक एवं धार्मिक समस्या है। लेकिन यह इतिहास मे पहली बार हो रहा है जब भिक्षुक साथी अपने पुनर्वास की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह हमारे देश एवं समाज के लिए बड़े शर्म की बात है कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा भीख मांगकर पेट पालने को मजबूर है। तरक्की के संसाधनों पर पूंजीपतियों ने कब्जा कर रखा है।

68 फीसदी भीख मांगने वाले लोग अशिक्षित
सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए जो योजनाएं चला रही हैं। उनका मकसद केवल गरीबों को किसी तरह जीवित रखना है। लखनऊ में लगभग पांच हजार भिक्षुक हैं, लखनऊ मे भीख मांगने वाले लोगों में 39 फीसदी लोग खुले आसमान के नीचे सड़कों पर रातें गुजारने को मजबूर हैं। 32 फीसदी भिक्षुक झोपडियों मे निवास करते हैं। अशिक्षा का आलम यह है कि 68 फीसदी भीख मांगने वाले लोग अशिक्षित हैं। लखनऊ शहर में भीख मांगने वालों मे 66 फीसदी भिक्षुक वयस्क हैं। जो बेरोजगारी के कारण इस कार्य मे लिप्त हैं।

भिखारियों के नाम पर अधिकारियों को वेतन
भिक्षावृत्ति मुक्ति अभियान भिक्षुकों को पुनर्वासित करके समाज की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु जिला प्रशासन से लेकर शासन स्तर तक कई बार पत्र प्रेषित कर चुका है लेकिन सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंगा। जबकि भिखारियों के नाम पर 1969 से 40 लाख रू0 प्रतिमाह वेतन पर सरकार खर्च कर रही है। यह अधिकारी कर्मचारी घर बैठे तनख्वाह ले रहे हैं।

12 सूत्रीय ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा
भिक्षुकों को पुनर्वासित करके समाज की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु 12 सूत्रीय ज्ञापन जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को प्रेषित किया गया। यदि भिक्षुओं की यह मांगें 15 नवम्बर तक पूरी नहीं की गई तो भिक्षुकगण मुख्यमंत्री आवास का घेराव या अनिश्चितकालीन अनशन करने के लिए बाध्य होंगे।

ये लोग रहे रैली में शामिल
धरने पर डा0 सन्दीप पाण्डेय संरक्षक भिक्षावृत्ति मुक्ति अभियान, शरद पटेल संयोजक भिक्षावृत्ति मुक्ति अभियान, महेन्द्र प्रताप सहसंयोजक भिक्षावृत्ति मुक्ति अभियान, वीरेन्द्र कुमार उपाध्यक्ष बदलाव, चुन्नीलाल उपाध्यक्ष बदलाव, अभिषेक पटेल कोषाध्यक्ष बदलाव, सपना त्रिपाठी स्वास्थ्य कार्यकत्री भिक्षावृत्ति मुक्ति अभियान तथा लगभग आठ सौ भिक्षुक बैठे।

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