script

पीएम नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य उर्दू सहित देश की सभी भाषाओं का विकास: सैयद जफर इस्लाम

locationअलीगढ़Published: Apr 16, 2018 04:30:52 pm

जामिया उर्दू अलीगढ़ ने अपना 79वां स्थापना दिवस मनाया।

AMU
अलीगढ़। जामिया उर्दू एक राष्ट्रीय महत्व का शैक्षिक संस्थान है और यह महत्वपूर्ण है कि वह अपनी स्थापना से लगातार समाज के हाशिये पर खड़े उन लोगों को शिक्षा प्रदान कर रहा है जो महंगी शिक्षा नहीं पा सकते हैं। उक्त बातें उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्त हाफिज़ उस्मान ने जामिया उर्दू अलीगढ़ के स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहीं।
प्रदेश के सूचना आयुक्त हाफिज़ उस्मान ने कहा कि अब जामिया उर्दू अलीगढ़ को शिक्षा की नवीन तकनीकों को अपना रहा है जिससे छात्र को बेहतर रोज़गार अवसर मिल रहा है। मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि 1939 में अपनी स्थपना के बाद देश के भाषीय क्षेत्र में नवजागरण का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के विकास के लिए कटिबद्ध है। प्रधानमन्त्री सबका साथ सबका विकास संकल्प पर प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी उर्दू सहित देश की सभी भाषाओं को विकसित करना चाहते हैं। अध्यक्षता करते हुए पद्मश्री प्रोफेसर काज़ी अब्दुल सत्तार ने कहा कि जामिया उर्दू अलीगढ़ की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसने एक अशिक्षित वर्ग में शिक्षा के प्रति चेतना जगाई।
उर्दू भाषा को रोज़गार से जोड़ा

समारोह में जामिया उर्दू अलीगढ़ द्वारा उत्तर प्रदेश के सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम को सर्वोच्च अर्वाड दक्तूर-ए-अदब से सम्मानित किया गया। मानद अतिथि कौम़ी उर्दू काउन्सिल, नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर इरतिजा करीम ने कहा कि उर्दू भाषा के उत्थान में जामिया उर्दू का बड़ा योगदान है। ज़कात फाउन्डेशन के अध्यक्ष डाॅ सैयद जफर महमूद ने कहा कि जामिया उर्दू अलीगढ़ ने महिलाओं को दूरवर्ती शिक्षा देकर शिक्षित करने का उल्लेखनीय कार्य किया है। जामिया उर्दू अलीगढ़ के ओएसडी फरहत अली खान ने कहा कि समय की आवश्यकता के अनुसार जामिया उर्दू अलीगढ़ ने अपने पाठ्यक्रम में बदलाव किया है तथा उर्दू भाषा को रोज़गार से जोड़ने को प्राथमिकता दी है। रजिस्ट्रार शमुन रज़ा नक्वी ने कहा कि जामिया उर्दू अलीगढ़ के पीछे बुजुर्गों के त्याग और समर्पण की भावना जुड़ी है।
ये रहे उपस्थित

इनके अलावा उर्दू एकेडमी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर शाहपार रसूल, बुलडायरस (प्र0) लिमिटेड के मैंनेज़िग डायरेक्टर सन्तोष राय, बिहार उर्दू एकेडमी के मुश्ताक अहमद नूरी, अमुवि के आर्टस संकाय के डीन प्रोफेसर मोहम्मद जाहिद, फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी लखनऊ के सदस्य एस अतहर सगीर जैदी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। विदित हो कि जामिया उर्दू अलीगढ़ देश का प्रथम दूरवर्ती शैक्षिक संस्थान है जो उर्दू भाषा के माध्यम से वंचित वर्ग को शिक्षा प्रदान कर रहा है। इस अवसर पर जामिया उर्दू पत्रिका ‘मौजे उर्दू’ का विमोचन हुआ। संचालन वीसी मुसाईद किदवई ने किया एवं धन्यवाद कन्ट्रोलर रिज़वार अली खान ने दिया। इस अवसर पर नसीर अहमद, बिलकिस जहां, शाहिद परवेज, नासिर, निसार, अनीस अहमद फरीद खां आदि भी उपस्थित थे।

ट्रेंडिंग वीडियो