scriptइस दलित की दर्द भरी कहानी, आपकी आंखों में ला देगी पानी, देखें वीडियो | painful story of Dalit Latest news in hindi | Patrika News

इस दलित की दर्द भरी कहानी, आपकी आंखों में ला देगी पानी, देखें वीडियो

locationअलीगढ़Published: Jun 22, 2018 05:12:33 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

अदम गोंडवी की ये पंक्तियां गंगीरी कस्बे के भदरोई गांव में रहने वाले 30 वर्षीय दिव्यांग सतेन्द्र वाल्मीकि पर सटीक बैठती हैं- तुम्हारी मेज चांदी की तुम्हारे जाम सोने के, यहां जुम्मन के घर में आज भी फूटी रकाबी है.
 

satendra

satendra

अलीगढ़। तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है, तुम्हारी मेज चांदी की तुम्हारे जाम सोने के, यहां जुम्मन के घर में आज भी फूटी रकाबी है… अदम गोंडवी की ये पंक्तियां गंगीरी कस्बे के भदरोई गांव में रहने वाले 30 वर्षीय दिव्यांग सतेन्द्र वाल्मीकि पर सटीक बैठती हैं। सतेन्द्र बुखार से पीड़ित है। हालत इतनी खराब है कि गांव या घर के बाहर खाने के लिए राशन मांगने नहीं जा पाया। बुखार व भूख से बेहाल होकर वह चारपाई पर बेहोश पड़ा रहा। गांव के लोग उसे देखने आते और चले जाते। हाल चाल तो लोगों ने पूछा, लेकिन पानी और रोटी कोई दे नहीं सका। यूं तो सतेन्द्र के नाम दिव्यांग पेंशन स्वीकृत है, लेकिन पिछल चार माह से पेंशन नहीं मिली है। इस कारण तंग हाल है।
किसी ने रोटी, पानी नहीं दिया
सतेंद्र वाल्मीकि के माता-पिता की कई साल पहले मौत हो चुकी है। वह अकेले घर पर रहते हैं। लोगों की मदद से राशन मिल जाता तो खुद ही घर पर खाना बना लेता। इधर कुछ दिनों से राशन की समस्या बनी रही। राशन और दरवाजे पर हैंडपंप के लिए प्रधान से गुहार भी लगा चुका है, लेकिन प्रधान ने भी बात अनसुनी कर दी। गांव के लोग सतेन्द्र की दशा जानते हैं, फिर भी चार दिन से भूख, प्यास और बुखार से तड़पते हुए सतेंद्र चारपाई पर गिरकर बेहोश हो गया। किसी ने भूख प्यास से तड़पते देखा तो गांव में बात फैली। बच्चे, महिलाएं और बड़े सभी पहुंचकर सिर्फ देखते और चलते बनते। गांव के प्रधान ने भी गांव के मुखिया होने के नाते संवेदना नहीं दिखाई।
दलित के चलते लोगों ने मुंह फेरा
सतेन्द्र का व्यवहार अच्छा है लेकिन चर्चा है कि सतेन्द्र दलित है, इसीलिए गांव के लोग मदद नहीं करना चाहते और इसलिए भगवान भरोसे छोड़ दिया। भदरोई में वाल्मीकि समाज के 12 घर हैं, जिनमें सतेंद्र के अलावा एक अन्य परिवार गांव में रहता है। अन्य लोग घर पर ताला डालकर दिल्ली में रहकर काम कर रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार गांव में रहने वाला स्वजातीय परिवार उससे बोलचाल का वास्ता नहीं रखता। हालांकि कस्बे के समाज सेवा करने वाले सतेन्द्र के घर पहुंचे और राहत दी है।
ग्राम प्रधान बोले
ग्राम प्रधान राजू सिंह गोवर्धनपुर गांव के निवासी हैं। उनके अनुसार 20 दिन पहले सतेंद्र हैंडपंप लगवाने की मांग करने आया था। इस पर कहा कि नए हैंडपंप तो नहीं हैं। कोई रिबोर हैंडपंप होगा, तो तुम्हारे दरवाजे लगवा दूंगा। चार दिन से खाना न मिलने से वह बेहोश हो गया, मुझे किसी ने सूचना नहीं दी। गांव पहुंचकर उसका इलाज कराऊंगा। खाने के लिए राशन दिलवाऊंगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो