
अलीगढ़। हिंदूवादी छात्र संगठनों के एएमयू में घुसकर जिन्ना का पुतला फूंकने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ समूह में एफआईआर कराने जा रहे एएमयू के छात्रों का पुलिस से टकरा हो गया। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़े। तकरीबन एक दर्जन छात्रों के घायल हुए हैं, गोली चलने की भी खबर है हालांकि गोली किसीको लगी नहीं है।
पुलिस ने किया लाठी चार्ज
एएमयू छात्र एबीवीपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए जब थाना सिविल लाइन की ओर बढ़े, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया, इस बीच एएमयू छात्र जबरन आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। आरएएफ व पुलिस फोर्स ने छात्रों को यूनिवर्सिटी सर्किल के करीब रोकने की कोशिश की लेकिन एएमयू छात्र जबरन आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस पर भगदड़ मच गई। छात्रों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। छात्र अपनी जान बचाकर भागने लगे। लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले के बीच करीब एक दर्जन छात्र घायल हो गए। छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर उस्मानी ने कहा कि एएमयू को टारगेट किया जा रहा है पहले जेएनयू को टारगेट किया गया था अब एएमयू को टारगेट किया जा रहा है। मशकूर उस्मानी का आरोप है कि आरएसएस, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, हिंदू युवा वाहिनी के लोग एएमयू के अंदर तमंचे और लाठियां लेकर आये और एएमयू छात्रों को धमकाया।
राष्ट्रपति से की जाएगी शिकायत
छात्र मशहूर उस्मानी ने कहा कि हम जिन्ना की आइडियोलॉजी का विरोध करते हैं। मोहम्मद अली जिन्ना को 1938 में लाइफ मेंबरशिप दी गई थी, इसीलिए उनकी फोटो लगी हुई है अगर चाहते हैं की हिस्ट्री बदली जाए तो पूरी हिस्ट्री बदलें। जिन्ना की तस्वीर को हटाना है तो कानून लेकर आइए। छात्रों ने कहा कि हमारी लड़ाई पुलिस प्रशासन से नहीं है हम हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं लेकिन पुलिस भी हमें दबाने की कोशिश कर रही है, इसकी शिकायत प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया से की जाएगी।
Published on:
02 May 2018 07:18 pm
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