जुर्म करने के पहले का सच नैनी के रहने वाले सुनील घूरपुर में ढाबा का संचालन करता है। सुनील ने बताया कि मंगलवार की रात जब वह घर आया था। देखा तो सभी बच्चे एक साथ कमरे में सो रहे थे। वह पत्नी के साथ दूसरे कमरे में सो गया था। देर उमस अधिक होने वह उठे और बच्चों के कमरे गए तो बड़ी बेटी वहां नहीं थी। उसके वह तेजी के साथ सीढ़ियों से उतरने से खटपट की आवाज आई। देखा तो बेटी बदहवास हालत में कमरे में घुसी। मां ने पूछा तो उसने कहा कि पेट में दर्द हो रहा है। इसके बाद वह कमरे चली गई। शक होने पर सीढ़ी की तरफ बढ़ा तो बेटी पैर पकड़कर रोने लगी और रोकने लगी। इसके बाद कमरे में आया और पिस्टल उठा ली। बेटी ने फिर रोकने की कोशिश की लेकिन वह छत पर गया तो वहां अर्णव सिंह उकड़ू बैठकर छिपा हुआ था।
प्रेमी को देखकर आया गुस्सा पिता सुनील को प्रेमी को देखकर गुस्सा आया और वह क्रोध में आकर उसने पिस्टल तानी तो बेटी ने फिर पैर पकड़ लिए। इसके बाद अर्नव की जान की भीख मांगी तो पहली गोली सुनील ने बेटी पर ही चला दी। हाथ गोली लगी और निकल गई। इसके बाद अर्नव को गोली मारी और फिर बेटी के पेट पर गोली मार दी। इसके कुछ देर बाद फोन कर पुलिस को बुलाया और बेटी के हाथों में पिस्टल थमा दी। पुलिस अधिकारी एसपी यमुनापार सौरभ दीक्षित ने बताया कि सुनील ने जुर्म स्वीकार करते हुए कहा कि अगर बेटी ने उसके रहते हुए अपने प्रेमी को घर बुला लिया तो उसके जीवन में कुछ नहीं बचा। बेटी प्रेमिका के साथ देखकर गुस्सा आया और गोली चला दी।
30 घंटे बाद बेटी को आया होश, मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज मामले में पिता की गोली से घायल युवती को तीस घंटे बाद होश आ गया। एसआरएन अस्पताल के आईसीयू में भर्ती लड़की का ऑपरेशन कर उसके शरीर से गोली निकाल दी गई थी। लड़की के शरीर से खून अधिक बह जाने के कारण उसकी हालत काफी नाजुक बनी हुई है। गोली लगने के तीस घंटे बाद उसे होश तो पुलिस ने मजिस्ट्रेट को बुलवा लिया। लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद बयान दर्ज कराया गया है।