याचिका पर अधिवक्ता प्रेम कुमार चौरसिया ने बहस की। इनका कहना है कि 31अक्टूबर 13व 3सितंबर 14को 60मीटर सड़क के लिए पुराने अधिग्रहण कानून के तहत याची की जमीन अधिगृहीत की गई। याची ग्राम नगला हुकुम सिंह मायरा,करौली बांगर, तहसील जेवर, गौतमबुद्ध नगर का निवासी है।2013मे नया अधिग्रहण कानून लागू हो गया है।पुराना कानून खत्म कर दिया गया है।ऐसे में पुराने कानून में अधिग्रहण कार्यवाही नहीं की जा सकती।याची ने अभी तक मुआवजा नहीं लिया है। याचिका की सुनवाई छः हफ्ते बाद होगी।
जांच में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने हिरासत में मौत के लिए पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। कहा है कि पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम नहीं कराया और लाश घर वालों को न सौंप पुलिस ने अंतिम संस्कार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पुलिस हिरासत में मौत गंभीर मामला है। न्यायिक जांच में पुलिस की खुदकुशी की कहानी गलत साबित हुई है।ऐसे में बड़े अधिकारियों को संवेदनशीलता दिखाते हुए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और पीड़ित पक्ष को मुआवजा देने पर विचार करना चाहिए।