
श्रीकृष्ण विराजमान परिसर के सर्वे की मांग, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला जज से मांगी आख्या
प्रयागराज. (Allahabad High Court News) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश की तमाम जिला अदालतों, अधिकरणों और पारिवार न्यायालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। नई गाइडलाइन के मुताबिक मुकदमों की सुनवाई अब सिर्फ वर्चुअल मोड से ही की जाएगी। कोर्ट के निर्देश के मुताबिक भौतिक रूप से उपस्थ्ति होकर कोई मुकदमा नहीं सुना जाएगा। हाईकोर्ट ने वकीलों और वादकारियों, स्टाम्प वेंडर, एडवोकेट और क्लर्क के अदालत परिसर में जाने पर रोक लगा दी है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव ने यह आदेश सुनाया है। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण की वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी संक्रमित हैं। इसके अलावा हाईकोर्ट और जिला अदालतों के कई कर्मचारी, वकील भी कोरोना संक्रमण की चपेट में हैं। कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए ही अब यह फैसला लिया गया हैं।
होगी सिर्फ वर्चुअल सुनवाई
रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस कोरोना महामारी के दौरान सिर्फ फ्रेश जमानत, अग्रिम जमानत, रिमांड और अति आवश्यक मुकदमे ही सुने जाएंगे। इसके लिए एक या दो से अधिक न्यायिक अधिकारियों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। इनती ड्यूटी भी रोटेशन के आधार पर ही लगाई जाएगी। मुकदमे सिर्फ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिला अदालत या न्यायिक अधिकारी के आवास से ही सुने जाएंगे। इसके अलावा कर्मचारियों की ड्यूटी भी रोटेशन के आधार पर ही लगाई जाएगी। बाकी मामलों के लिए पूर्व में जारी गाइडलाइन लागू रहेगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने वर्चुअल और फिजिकल मोड से मुकदमों की सुनवाई की अनुमति दी थी। मगर संक्रमण को बढ़ता देख हुए इस आदेश को संशोधित कर दिया गया है।
Published on:
27 Apr 2021 02:22 pm
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